भारत में अलग-अलग धर्म और संप्रदाय को मानने वाले लोग रहते हैं। इन सभी की परंपराएं और त्योहार अलग-अलग है। बैसाखी सिख धर्म से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व अपने साथ फसलों के पकने का संदेश लेकर आता है। इसी के साथ इसे सिख नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। देशभर में आज 13 अप्रैल को बैसाखी का त्यौहार मनाया जा रहा है।
आपको बता दें कि 1699 में सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने इस तरह से सिखों को नई पहचान देने का काम किया। तभी से बैसाखी का पर्व हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अनाज की पूजन करने के साथ भगवान को धन्यवाद देते हैं। चलिए आपको इस त्यौहार के महत्व और कुछ प्यारी शुभकामनाएं बताते हैं।

बैसाखी का महत्व (Baisakhi 2025)
बैसाखी केवल सिख धर्म का त्यौहार नहीं है बल्कि यह प्रकृति के उल्लास को मनाने का दिन है। जानकारी के मुताबिक इस दिन सूरज 12 राशियों का चक्र पूरा करके मेष राशि में गोचर कर लेते हैं। इसी दिन से सिख नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इसके अलावा यह खालसा पंथ की स्थापना की याद के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन रबी की फसलों की कटाई शुरू होती है। पंजाब सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में इस त्यौहार को धूमधाम के साथ बनाया जाता है।
पंज प्यारे की स्थापना
बैसाखी के दिन सिखों के दसवें गुरु गोबिंद साहिब जी ने आनंदपुर साहिब में एक सभा का आयोजन किया था। यहां पर उन्होंने सभी सिखों को कंघा, कछहरा, केश, कड़ा और कृपाण धारण करने को बोला था, जिन्हें पंज ककार के नाम से पहचाना जाता है। इस पर पांच सिखों ने सहमति जताई थी और इन्हें ही पंज प्यारे के नाम से पहचाना जाता है।
होती है फसलों की पूजा
बैसाखी के मौके पर लोग सज धज कर तैयार होते हैं। इस दिन पारंपरिक कपड़े पहनने के साथ पारंपरिक गीत भी गाए जाते हैं। लोग भंगडा और गिद्दा कर अपनों के साथ खुशियां मनाते हैं। इस दिन फसलों की पूजन का विशेष महत्व माना गया है। सभी लोग अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनते हैं और खुशी के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता है।
भेजें ये शुभकामनाएं
फूलों की महक, गेहूं की बालियां,
तितलियों की रंगत और अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको बैसाखी का त्यौहार।
बैसाखी आई है, ढेर सारी खुशियां लाई है,
खुशी मनाओ, भंगडा पाओ,
मिलकर सारे बंधु भाई।
बैसाखी की शुभकामनाएं
सुबह से शाम तक वाहेगुरु की कृपा,
इसी तरह गुजरे हर एक दिन,
कभी ना हो गिला शिकवा,
एक पल न गुजरे खुशियों के बिन।
आज मुस्कुराया हर चेहरा, हर तरफ खुशी छाई
खुशियों के त्यौहार बैसाखी की आप सभी को बधाई।
सुनहरी धूप बरसात के बाद, थोड़ी खुशी हर बात के बाद
आपको मुबारक हो बैसाखी की नई सुबह, कल रात के बाद।