Bhavishya Puran: भविष्य पुराण एक बहुत ही पौराणिक ग्रंथ है, जिसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़े कई सारे नियमों का उल्लेख दिया गया है। व्यक्ति अगर अपने जीवन में नियमों का पालन करता है तो उसे काफी फायदा होता है। कुछ काम ऐसे भी बताए गए हैं जो व्यक्ति को नहीं करना चाहिए अन्यथा उसे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
महीने के चार दिनों में जब महिलाओं को रजोधर्म होता है। उस समय उनका धार्मिक कार्यों को करना वर्जित माना गया है। मासिक धर्म में महिलाओं का कोई भी धार्मिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। कई सारे नियम कायदे हैं, जिनका हर व्यक्ति अलग-अलग तरीके से अपने घर में पालन करता है।
भविष्य पुराण व्यक्ति के पूरे जीवन और दैनिक दिनचर्या से जुड़े हुए नियम कायदे से भरा एक ग्रंथ है। इसमें ऐसी कई सारी बातों का उल्लेख दिया गया है, जिनका अगर सही तरीके से पालन किया जाए तो हम अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। चलिए आज हम आपको महिलाओं से जुड़े कुछ नियम बताते हैं।
महिलाओं को करना चाहिए ये व्रत
भविष्य पुराण में दिए गए वर्णन के मुताबिक राजस्वला होने वाली महिलाओं को साल में एक बार पड़ने वाले ऋषि पंचमी व्रत का पालन जरूर करना चाहिए। पुराणों में इस व्रत का काफी महत्व बताया गया है और यह जाने अनजाने में किए गए पापों से महिलाओं को मुक्ति दिलाने काम करता है। इससे महिलाओं के पूर्वर्जन्म के पाप नष्ट होते हैं और वो अटल सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं।
होंगे ये लाभ
- पुराणों में दिए गए उल्लेख के मुताबिक राजस्वला स्त्री को धार्मिक कार्यों और भोजन आदि नहीं छूना चाहिए। लेकिन अगर भूलवश किसी से यह पाप हो जाता है तो इस व्रत की सहायता से उसे दूर किया जा सकता है।
- जो स्त्री यह व्रत करती है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और वह अटल सौभाग्य की प्राप्ति करती है।
- यह बात न सिर्फ व्यक्ति के वर्तमान जीवन में भविष्य को अच्छा बनाने का काम करता है। बल्कि अगले जन्म में भी उसे अच्छी गति प्रदान करता है।
- यह व्रत करने वाली स्त्री अटल सौभाग्य और अक्षय सुखों की प्राप्ति करती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।