Chanakya Niti : सनातन धर्म में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व माना जाता है और इसे धन, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। शुक्रवार को विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ और फलदायी माना जाता है। इसके अलावा, धन की मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति का मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है, जिससे उन्हें आत्मविश्वास और सामाजिक समृद्धि में मदद मिलती है। वहीं, आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ और ‘चाणक्य नीति’ में धन और धन के प्राप्ति के विभिन्न पहलुओं पर विचार किए हैं। जिसके अनुसार, इन 3 जगहों पर मां लक्ष्मी स्वयं चली आती हैं।
धन का सम्मान
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी चाहिए और अपने आवश्यकताओं के लिए धन का संचय करना चाहिए। यदि हम अपने धन की रक्षा करने और व्यवस्थित तरीके से व्यय करने के लिए काम करते हैं, तो धन और समृद्धि स्वयं ही हमारे पास आएंगी।
पति-पत्नी के बीच प्यार
आचार्य चाणक्य का कहना है कि पति-पत्नी के बीच की लड़ाई-झगड़े और घर के वातावरण में कलह आती है तो लक्ष्मी का वास नहीं होता। घर में शांति का वातावरण बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। जब परिवार के सदस्य आपस में सहमति और सौहार्द बनाए रखते हैं, तो घर के अंदर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुख-शांति का माहौल बनता है। इससे घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
ज्ञानियों का सम्मान
चाणक्य नीति के अनुसार, एक व्यक्ति को समझना चाहिए कि मूर्ख और चापलूस व्यक्तियों से आपको अकेले नुकसान होता है, क्योंकि वे आपके लिए सही सलाह नहीं देते। आपके संपत्ति और सुख का नुकसान कर सकते हैं। ऐसे जगहों पर मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं और वहां से चली जाती हैं। इसलिए माता को अपने पास रखने के लिए ऐसे लोगों को अपने जीवन से दूर रखें ताकि आपको सुख और समृद्धि मिल सके।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)