नई दिल्ली| नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है| बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 105 वोट पड़े| बता दें कि ये बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है| संसद के दोनों सदन से मंजूरी के बाद अब यह बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जहाँ से मुहर लगने के बाद इस कानून को लागू किया जाएगा| शिवसेना ने सदन से वॉकआउट कर दिया| शिवसेना के सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया| राज्यसभा में इस बिल पर करीब 8 घंटे तक बहस चली। शाह ने दोपहर को उच्च सदन में यह बिल पेश किया था। लोकसभा इस बिल को सोमवार को ही मंजूरी दे चुकी है। निचले सदन में विधेयक पर 14 घंटे तक बहस के बाद रात 12.04 बजे वोटिंग हुई थी। बिल के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े थे।
इससे पहले बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव भी आया लेकिन खारिज हो गया है| बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने को लेकर वोटिंग हुई| सेलेक्ट कमेटी में ना भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े| इससे पहले दिन नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में दिन भर लगातार बहस जारी रही| इससे पहले बिल लोकसभा से पास हो गया है और आज इसे ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया गया| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज इस बिल को पेश किया| गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने बिल को असंवैधानिक बताया| मैं सभी का जवाब दूंगा, अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता, बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है. देश की समस्यायों का समाधान लाने के लिए मोदी सरकार आई है|
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में कहा, इस विधेयक से किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंच रही है और न ही किसी समुदाय के लोग परेशान हैं। जो लोग चिंतित हैं कि इस देश के अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय होगा, ऐसा नहीं होगा। अमित शाह बोले, कपिल सिब्बल जी ने कहा, मुस्लिम आपसे नहीं डरते। उन्हें भी नहीं डरना चाहिये। और आप डरिये भी मत। भारत के मुसलमान की नागरिकता कोई छी नहीं रहा। ये नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का नहीं|
कांग्रेस नेताओं और इमरान खान के बयान एक जैसे क्यों
बहस के दौरान गृहमंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तान के नेताओं के बयान कई बार घुलमिल जाते हैं| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल जो बयान दिया और जो बयान आज सदन में कांग्रेस के नेताओं ने दिए वे एक समान हैं| पाकिस्तान का नाम लेने पर कांग्रेस गुस्सा क्यों हो जाती है| इस पर राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया|
धर्म के आधार पर क्यों किया विभाजन
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, पूरे देश को पता है कि विभाजन के पीछे का कारण जिन्ना था और यह उनकी मांग के कारण किया गया था। लेकिन मैं यह पूछ रहा हूं कि कांग्रेस इसके लिए राजी क्यों हुई? यह धर्म के आधार पर क्यों किया गया? गृहमंत्री शाह ने कहा, यूपीए सरकार के दौरान, तत्कालीन राजस्थान सरकार ने तत्कालीन एचएम पी चिदंबरम को पत्र लिखा था कि वे बड़ी संख्या में बकाया राशि जारी करेंगे। पाक के शरणार्थी हिंदू और सिख समुदाय से। केवल दो धर्मों के 13000 लोग लाभान्वित हुए। जबकि, हमने 6 धर्मों के शरणार्थियों को शामिल किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कोई कुछ भी नहीं कहेगा क्योंकि कांग्रेस जो भी करती है वह धर्मनिरपेक्षता है। कब तक तुम लोगों को बेवकूफ बनाओगे?
अमित शाह ने कहा कि कुछ सांसद संसद को डरा रहे हैं कि संसद के दायरे में सुप्रीम कोर्ट आ जाएगी, कोर्ट ओपन है, कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जा सकता है| हमें इससे डरना नहीं चाहिए| हमारा काम अपने विवेक से कानून बनाना है, जो हमने किया है और ये कानून कोर्ट में भी सही पाया जाएगा|
विपक्ष का ध्यान सिर्फ मुस्लिम पर
अमित शाह ने कहा कि इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर कि मुस्लिम को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं| आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है| इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है. ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं|
शिवसेना पर निशाना
शिवसेना पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि लोग सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं. शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया तो फिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो आज विरोध में खड़े हैं
हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं : शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने आज नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश करते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल से करोड़ों लोगों को उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। इस बिल के प्रावधान से धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को नागरिकता मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर कि मुस्लिम को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं| आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है| इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है. ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं|