सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही ज्यादा खास और महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में चारों तरफ बाबा भोलेनाथ (जलाभिषेक और रुद्राभिषेक) के जयकारों की गूंज सुनाई पड़ती है। लोग डीजे की धुन पर नाचते हुए कावड़ यात्रा में सम्मिलित होते हैं। मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है, पूरा शहर भक्ति में डूबा हुआ नजर आता है। भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की बहुत अधिक मात्रा में भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु कंधे पर जल लाकर शिवलिंग पर इसे चढ़ाते हैं, जिसे कई लोग जलाभिषेक तो कई लोग रुद्राभिषेक कहते हैं। हालांकि, दोनों शब्द के अर्थ बिल्कुल अलग-अलग हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को इसके बीच का अंतर नहीं पता होता है।
शिवालयों में भक्तों की लंबी लाइन लगती है, जब वह कांवड़ यात्रा करके यहां पहुंचते हैं और शिव की भक्ति में लीन नजर आते हैं। पूरा मंदिर परिसर बम भोले के जयकारों से गूंज उठता है।
जलाभिषेक
सावन के महीने में पूरा देश भगवान शिव की आराधना में डूबा हुआ नजर आता है। इस दौरान मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कांवड़िए गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, जिसे जलाभिषेक कहा जाता है, जिसका सीधा सा अर्थ है भगवान शिव को जल चढ़ाना। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से देव आदि देव महादेव को शीतलता मिलती है। भक्तों द्वारा जलाभिषेक करने की यह परंपरा विषपान की घटना से भी जुड़ी हुई है। आप प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं, इसके लिए आपको विशेष नियम पालन करने की जरूरत नहीं है।
रुद्राभिषेक
भगवान का रुद्राभिषेक बहुत ही अलग तरीके से किया जाता है, जिसके लिए भक्तों को कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है। रुद्राभिषेक में जब शिवलिंग की पूजा की जाती है, तब वैदिक मंत्र और विशेष सामग्री की जरूरत होती है। उसी प्रक्रिया को रुद्राभिषेक कहा जाता है। बता दें कि जब पुजारी द्वारा शिवलिंग का अभिषेक मंत्र उच्चारण द्वारा किया जाता है, तो उसे रुद्राभिषेक कहते हैं, जो आमतौर पर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने के बाद करवाते हैं। इस दौरान रुद्राष्टाध्यायी का पाठ किया जाता है।
विधिपूर्वक पहले जल, उसके बाद दूध, शहद, दही, घी और फिर शुद्ध गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि रुद्राभिषेक के लिए आप मंदिर में ही जाएं, बल्कि आप घर पर भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





