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Sat, Dec 20, 2025

विवाह पंचमी की पूजा के दौरान जरूर करें ये काम, जल्द बनेंगे शादी के योग

Written by:Bhawna Choubey
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Last Updated:
Vivah Panchami 2024: विवाह पंचमी का त्योहार भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से शादी के इच्छुक व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे सही जीवन साथी के मिलने का दिन माना जाता है।
विवाह पंचमी की पूजा के दौरान जरूर करें ये काम, जल्द बनेंगे शादी के योग

Vivah Panchami 2024: विवाह पंचमी एक विशेष धार्मिक अवसर है, जो त्रेता युग में भगवान राम और माता सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को आता है, जिसे भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन के प्रति के रूप में माना जाता है।

इस दिन को विशेष रूप से उत्तर भारत, विशेष कर अयोध्या और जनकपुर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष 6 दिसंबर शुक्रवार को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। कई स्थानों पर भगवान श्री राम की भव्य बारात निकाली जाती है, जिसमें भक्त श्रद्धा भाव से भाग लेते हैं और इस शुभ अवसर पर पूजा अर्चना करके भगवान राम और माता सीता के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।

श्री राम स्तुति

॥दोहा॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥

जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।