Buddha Purnima 2024: हर साल वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 23 मई 2024 को गुरुवार को होगा। यह हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का पावन पर्व, दया, करुणा और त्याग का प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से न केवल पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि पितृ भी प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
बुद्ध पूर्णिमा के दान का महत्व
दान पुण्य का द्वार माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा पर दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। पितृ पक्ष की शुरुआत बुद्ध पूर्णिमा से ही होती है। इस दिन दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मकता दूर होती है। दान करने से मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
किन चीजों का करना चाहिए दान
जरूरतमंदों को दान
बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर, दान पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से न केवल पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। अपनी श्रद्धा अनुसार, जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन और दक्षिणा का दान करें।
सत्तू का दान
गर्मी के मौसम में बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व पितृ प्रसन्नता का अवसर लेकर आता है। इस दिन सत्तू और जल का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सत्तू-जल दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितृ प्रसन्न होते हैं। दान पुण्य का द्वार है। बुद्ध पूर्णिमा पर सत्तू-जल दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। गर्मी के मौसम में सत्तू और जल दान करने से जरूरतमंदों को ठंडक मिलती है और उनका जीवन सुखमय होता है।
पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल का दान
बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर, पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पशु-पक्षियों को भोजन-जल दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। दान पुण्य का द्वार है। बुद्ध पूर्णिमा पर पशु-पक्षियों को भोजन-जल दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यह दया और करुणा का कार्य है, जिससे जीवों का जीवन बचाने में मदद मिलती है।
अन्न और भोजन का दान
बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर अन्न और भोजन का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। दान पुण्य का द्वार है। बुद्ध पूर्णिमा पर अन्न और भोजन दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। दान करने से गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन मिलता है और उनका जीवन सुखमय होता है। भूख मिटाना एक महादान है। बुद्ध पूर्णिमा पर भोजन दान करने से पुण्य के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी होता है। गौ दान को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन गौ दान करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)