Gita Updesh : श्रीमद् भागवत गीता में मनुष्य के जीवन का रहस्य विस्तार पूर्वक बताया गया है। भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले अर्जुन को उपदेश दिया था, जिसमें उन्होंने सारी चीजों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। करीब 45 मिनट के उपदेश में पूरे जीवन काल का रहस्य माधव ने बता दिया था। इसके बाद, उन्होंने अपने विश्व रूप को दर्शाया था। वहीं, गीता को पढ़ने वाला हर व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है। उनकी बातें जब लोग अपनाने लगते हैं, तो वह खूब तरक्की करते हैं।

इसी कड़ी में आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में माधव द्वारा बताए गए मनुष्य के विनाश के कारण बताएंगे, जिससे इंसान सफलता की सीढ़ी चढ़ने के बाद भी बर्बाद हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से…
इन चीजों से होता है विनाश
- भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने बुद्धि और कर्म की महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। वह समझाते हैं कि जीवन में छल का करने की बजाय सत्य और न्याय के प्रति विश्वास रखना बेहतर होता है। छल का उपयोग करने से केवल असत्य और अधर्म फैलता है, जिससे व्यक्ति की समृद्धि में बाधा होती है। इसका परिणाम भी आपको यहीं भोगना पड़ता है। इसलिए सरलता और ईमानदारी बनाकर रखें।
- गीता में अहंकार के महत्व को समझाया गया है। अहंकार मनुष्य को सफलता के मार्ग से दूर ले जाता है और उसे भ्रमित कर देता है। इसलिए श्रीकृष्ण ने अहंकार को त्यागने की बात कही है। अहंकार की जड़ त्याग कर व्यक्ति ज्ञान और संयम को प्राप्त कर सकता है, जो उसके विकास के लिए आवश्यक है। इसके लिए इंसान को संघर्षों करना पड़ता है।
- श्रीकृष्ण ने अपने उपदेशों में साफ किया है कि व्यक्ति को गलत विचारों को अपनाने से बचना चाहिए, जोकि उनके पतन का कारण बन सकती है। अपनों को गिराने की सलाह गैरों से लेना खुद का विनाश कर देता है। इससे जीवन में अधर्म और दुःख बढ़ता है। गीता उपदेश के अनुसार, नकारात्मक सलाह से बचकर सत्य, न्याय और धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए।
- भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सिखाया है कि जीवन के हर क्षेत्र में ईमानदारी और न्याय का पालन करना चाहिए। माधव ने गीता उपदेश में कहा है कि किसी भी कार्य का फल उसके कर्मों के अनुसार ही मिलता है और उसे इसका परिणाम यहीं भूगतना पड़ता है।
- भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया है कि जीवन में मुश्किल समयों में भी उन्हें ईश्वर का साथ मिलता है। वे कहते हैं कि हमें स्वीकार करना चाहिए कि हमारा भविष्य ईश्वर के हाथ में है और वह हमें हमेशा सहायता प्रदान करेगा। इसलिए निराश नहीं होना चाहिए। हर परिस्थिति में सकारात्मक भावना बनाए रखनी चाहिए।
- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह शिक्षा दी है कि जीवन में आने वाली प्रत्येक परिस्थिति को मुस्कुराहट के साथ स्वागत किया जाना चाहिए। चाहे वह कठिनाई हो या संघर्ष, आत्याचार या अन्य किसी प्रकार का दुःख हो। भगवद्गीता के अनुसार, हर परिस्थिति में मुस्कुराना हमें शक्ति, सहानुभूति और आत्म-समर्थ का आभास कराता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





