MP Temple: मध्य प्रदेश में ऐसे कई मंदिर है जिनकी अपनी विशेषताएं हैं और मान्यताएं हैं। इस समय देश भर में चैत्र नवरात्रि का त्यौहार मनाया जा रहा है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 2 अप्रैल 2024 से हो चुकी है और इसका समापन 17 अप्रैल 2024 को होगा। साल भर में नवरात्रि के दो मुख्य पर्व मनाया जाते हैं। पहले नवरात्रि चैत्र माह में मनाई जाती है वहीं दूसरी नवरात्रि आश्विन माह में मनाई जाती है। नवरात्रि को लेकर देश भर में अलग ही उत्साह और उल्लास देखने को मिलता है। नवरात्रि के त्यौहार के दौरान देशभर के माता मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में अगर आप भी नवरात्रि के दौरान माता के दर्शन करने के लिए मंदिर जाना चाहते हैं तो ऐसे में आप मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के सलकनपुर गांव में स्थित विजयासन माता मंदिर में जा सकते हैं और माता रानी के दर्शन पा सकते हैं।
मंदिर की विशेषताएं
सलकनपुर में हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में दूर-दूर से भक्तजन आते हैं और माता रानी के दर्शन पाते हैं। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी, सरस्वती, और भैरव के मंदिर भी स्थित हैं। नवरात्रि के दौरान, मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं।
मंदिर का इतिहास और महत्व
इतिहासकारों का मानना है कि बंजारों ने इस मंदिर की स्थापना की थी। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहाँ पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को एक हजार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मां विजयासन को शक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता। विजयासन माता मंदिर, मध्य प्रदेश के सलकनपुर में स्थित देवी दुर्गा का एक प्रतिष्ठित मंदिर है। यहाँ देवी विजयासन भक्तों को दर्शन देती हैं, और मनोकामनाएं पूरी करती हैं। लेकिन, इस मंदिर की स्थापना और उत्पत्ति को लेकर कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। स्थानीय प्रकांड पंडितों का कहना है कि श्रीमद् भागवत महापुराण में विजयासन माता का विस्तृत उल्लेख है। उनके अनुसार, देवलोक से भूलोक पर आसन गिरने से यह स्थान विजयासन कहलाया।
सलकनपुर विजयासन माता मंदिर शक्तिपीठों में से एक है
सलकनपुर का मां विजयासन धाम, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है, जो यहाँ विजयासन रूप में विराजमान हैं। मां विजयासन को शक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है, और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। विजयासन माता मंदिर की स्थापना का समय स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है। लेकिन, यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1100 ईस्वी के आसपास गौंड राजाओं द्वारा किला गिन्नौरगढ़ के निर्माण के दौरान करवाया गया था। प्रसिद्ध संत भद्रानंद स्वामी ने मां विजयासन धाम में कठोर तपस्या की थी। उन्होंने नल योगिनियों की स्थापना कर क्षेत्र को सिद्ध शक्तिपीठ बनाया था। लाखों भक्त इस तपस्या स्थली पर पहुंचते हैं और मन्नत मांगते हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)