शनि देव का पहला से बारहवां भाव तक प्रभाव, जानिए आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा?

हम आपको यह बताएंगे कि आखिर कुंडली में शनि देव की किस भाव में उपस्थित से जातकों पर कैसा प्रभाव पड़ता है। बता दें कि कुल 12 भाव होते हैं।

Sanjucta Pandit
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शनि देव को न्याय का देवता माना गया है, जो एक राशि में ढाई साल तक विराजमान रहते हैं, क्योंकि सभी नौ ग्रहों में यह सबसे धीमी गति से गोचर करने वाले ग्रह माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, शनि देवता कर्म के अनुसार अपने भक्तों को परिणाम देते हैं। उनकी अच्छी दृष्टि लोगों के जीवन को बदल सकती है, तो वहीं उनकी बुरी दृष्टि से जिंदगी तबाह भी हो सकती है। इसी कारण लोग उनके नाम से ही भयभीत हो जाते हैं। हालांकि, उनकी कुदृष्टि से बचने के लिए लोग महादेव और राम भक्त हनुमान की भी पूजा करने के साथ-साथ शनिवार को शनि देव की विधि-विधान पूर्वक आराधना करते हैं। ज्योतिष शास्त्रों में बहुत सारे उपाय बताए गए हैं, जिसे अपनाकर कुंडली में स्थित शनि दोष को भी दूर किया जा सकता है।

आज के आर्टिकल में हम आपको यह बताएंगे कि आखिर कुंडली में शनि देव की किस भाव में उपस्थित से जातकों पर कैसा प्रभाव पड़ता है। बता दें कि कुल 12 भाव होते हैं। शनि के सभी अलग-अलग 12 भाव किसी के लिए शुभ होते हैं, तो किसी के लिए विनाशकारी हो सकते हैं।

प्रथम भाव

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में शनि देव प्रथम भाव में यदि उपस्थित है, तो जातकों की आर्थिक हालात में सुधार आएगा। उनके बिगड़े हुए सभी कार्य बन जाएंगे। घर में नए मेहमान के आगमन से खुशियां छाई रहेगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होगी।

द्वितीय भाव

कुंडली में द्वितीय भाव में उपस्थित शनि देव जातकों को कई बार समस्याओं में डाल देते हैं। ऐसे में लोगों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में जातकों का अक्सर किसी न किसी के साथ वाद विवाद होता रहता है।

तीसरे भाव

जिन जातकों की कुंडली में शनि देव तीसरे भाव में उपस्थित होते हैं। वह अधिक उत्साह से भरे हुए होते हैं। उन्हें यह विश्वास होता है कि वह किसी भी कार्य को साहस से कर सकते हैं। किसी की भी मदद के लिए वह डटकर तैयार रहते हैं। उनके मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा की चारों ओर चर्चा रहती है।

चतुर्थ भाव

यदि किसी जातक की कुंडली में शनि देव चतुर्थ भाव में है, तो उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जीवन में उनके कई प्रकार की समस्याएं आ सकती है। जिस कारण मानसिक तौर पर तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा, उनके माता-पिता अक्सर परेशान भी रहते हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण धन भी अधिक खर्च होता है।

पंचम भाव

शनि देव के पंचम भाव में उपस्थित होने से शिक्षा के क्षेत्र में जातकों को सफलता मिलती है। प्रेम विवाह का मार्ग अपना ले, तो उनके जीवन में संकटों का बदला हमेशा छाया रहता है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह शुभ परिणाम भी देते हैं।

छठवां भाव

शनि देव यदि कुंडली में छठे भाव में विराजमान है, तो जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे लोग साहस से भरपूर होते हैं। यह किसी भी मसले को आसानी से निपटा लेते हैं। कारोबार में इन्हें सफलता ही सफलता हाथ लगती है।

सातवां भाव

शनि देव की कुंडली के सातवें भाव में उपस्थित होना दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। आए दिन उनके बीच अनबन बनी रहती है। इसके अलावा, ससुराल पक्ष से भी तनाव बना ही रहता है। कारोबार में नुकसान होने की संभावना लगी ही रहती है।

आठवां भाव

कुंडली में आठवें भाव में शनि देव की उपस्थिति जातक के जीवन में शुभ परिणाम लेकर आती है। ऐसे लोग जीवन में हमेशा सुखी और सफल रहते हैं। यह आए दिन कहीं ना कहीं घूमने फिरने जाते रहते हैं। मानसिक तनाव दूर-दूर तक इन्हें परेशान नहीं करती खुशहाल जीवन जीने के साथ ही यह लोग आर्थिक तौर पर भी कभी परेशान नहीं होते।

नवम भाव

यदि आपकी कुंडली में शनि देव नवम भाव में है, तो सफलता प्राप्त करने में थोड़ा समय जरूर लगता है, लेकिन वह कभी भी असफल नहीं होते। संघर्षों को मेहनत और लगन से हासिल कर ही लेते हैं। कुछ लोग उनके साथ जालसाजी भी करने का प्रयास करते हैं, लेकिन कोई इनका कुछ बिगाड़ नहीं पाता।

दशम भाव

दशम भाव में शनि देव की उपस्थिति अत्यंत लाभकारी माना जाता है। ऐसे जातकों को हर प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है। माता और पिता दोनों से भरपूर प्यार मिलता है।

ग्यारहवां भाव

शनि देव का 11वां भाव में उपस्थित होना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान सफलता की ऊंचे शिखर पर जातक जाते हैं। कारोबार में सफलता हाथ लगती है। वैवाहिक जीवन सफल होता है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

बारहवां भाव

वहीं, कुंडली में 12वें भाग में स्थित शनि देव की उपस्थिति जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी रहता है। समाज में उन्हें मान और प्रतिष्ठा मिलता है। सफलताओं की प्राप्ति होती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करते हैं। ऐसे लोग बहुत शांत स्वभाव के भी होते हैं, जिस कारण लोग इन्हें काफी ज्यादा पसंद भी करते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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