Gem Astrology: ज्योतिष कई अलग-अलग भागों में बंटा हुआ है। रत्न शास्त्र भी इसका ही एक हिस्सा है जिसमें हर ग्रह और राशि से जुड़े हुए रत्नों के संबंध में जानकारी दी गई है। यह सभी रत्न हमारे जीवन को गहरे तरीके से प्रभावित करने का काम करते हैं।
रत्न शास्त्र में उल्लेखित हर रत्न का अपना महत्व है। आज हम आपको एक ऐसे रत्न के बारे में बताते हैं, जिसका संबंध केतु ग्रह से होता है। हम बात कर रहे हैं लहसुनिया की जो मटमैले रंग का एक चमकीला पत्थर है। चलिए आज इसके बारे में आपको जानकारी देते हैं।
कब करें धारण
लहसुनिया रत्न को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना गया है। अगर आप इसे मंगलवार को धारण करना चाहते हैं तो विशाखा नक्षत्र शुभ होता है। साफ सुथरा हाेकर ही इस रत्न को धारण करें और शाम का समय इसके लिए बेस्ट होता है।
किस स्थिति में करें धारण
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जब केतु ग्रह त्रिकोणीय स्थिति में होता है, तब इस पत्थर को धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा केतु जब 1, 2, 5, 7, 9, 10 भाव में होता है तब भी यह रत्न पहनना चाहिए।
होंगे ये फायदे
- जिन लोगों की कुंडली में केतु ग्रह कमजोर होता है। उन्हें अक्सर लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा केतु के अंतर्दशा और महादशा चलने पर भी इसे धारण किया जाता है।
- जो लोग नजर दोष से परेशान रहते हैं उनके लिए यह रात में काफी लाभकारी माना गया है।
- जो लोग बिजनेस करते हैं लेकिन उन्हें मुनाफा नहीं हो रहा है उन्हें यह रत्न धारण करना चाहिए।
ध्यान रखें ये बातें
- लहसुनिया धारण करते समय इस पर रहने वाली धारियों का ध्यान जरूर रखें। कम से कम 4 या फिर इससे ज्यादा धारियों वाला रत्न धारण करें।
- इस रत्न को कभी भी पुखराज, हीरे या मोती के साथ धारण नहीं किया जाता।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।