गुरु पूर्णिमा : गुरुओं को समर्पित इस दिन करें इन चीजों का दान, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ‘गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः, गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः’ अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु भी, गुरु प्रभु महेश्वर के समान हैं। सच्चा गुरु, जो आंखो के समक्ष है, उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करता हूं। सनातन धर्म ही नहीं बल्कि दुनिया के हर धर्म में गुरु का स्थान सबसे उच्च माना गया है और ऐसा क्यों ना हो, जीवन को आकार देने का काम गुरु ही तो करता है। तभी तो संत कबीर भी यह लिखने को मजबूर हो गए कि –

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय ।
बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय ।।


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Manuj Bhardwaj