Hal Shashti 2023: हर साल भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि पर हल षष्ठी का व्रत मनाया जाता है। इस दिन को श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के जयंती के रूप में मनाया जाता है। महिलाओं के लिए यह व्रत काफी खास होता है। संतान के सुख समृद्धि और लंबी आयु के लिए माताएं आज व्रत रखती हैं। मान्यताएं हैं कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान के साथ पूरा-अर्चना करने से संतान के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
बन रहे 3 शुभ योग
बलराम जयंती पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे व्रत का महत्व बढ़ रहा है। आज त्रिपुष्कर योग, सवार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है।
करें कुछ खास उपाय
बलराम जयंती के दिन कुछ उपायों को करना बेहद ही शुभ माना जाता है। संतान को दीर्घायु का वरदान मिलता है। मनोकामनाएं पूरी होती है और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
- इस दिन घर में बलराम कलश स्थापित जरूर करें, कलश पर नारियल रखें। इसकी पूजा करें, दीप प्रज्वलित करें और सफेद फूल अर्पित करें।
- हल षष्ठी के दिन पूजा के दौरान बलराम कलश पर पीपल के पत्ते चढ़ाना बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर परिवार में क्लेश नहीं होता और विवाद समाप्त होते हैं।
- काँस के पौधे को मोड़ कर एक गांठ बनाएं। इस दौरान भगवान शिव और हल षष्ठी माता का ध्यान करें। ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- “बलभद्राय नमः” का जाप करें। ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं ।
- महुआ की दातुन करें। महुआ के पेड़ की लड़की का इस्तेमाल खाने बनाने में करें।
- पारण के दौरान महुआ, चावल की भात और भैंस के दूध से करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल समान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)