Hariyali Amavasya 2023 : आज सावन के दूसरे सोमवार पर हरियाली अमावस्या का शुभ संयोग बना है। इस अमावस्या पर पितरों की उपासना की जाती है और पेड़ पौधे भी लगाए जाते हैं। मान्यतानुसार आज के दिन पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से उन्हें मोक्ष मिलता है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
हरियाली अमावस्या हरियाली तीज के तीन दिन पहले आती है। जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस भी कहा जाता है। पितृदेव अमावस्या तिथि के स्वामी माने गए हैं और इसी कारण आज का दिन पितरों से जुड़े धार्मिक कार्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि आज के दिन पवित्र नदी में स्नान कर जल में तिल डालने से पितरों को तृप्ति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं। आज पिंडदान और दान करने से पितरों को मोक्ष प्राप्ति होती है। आज पुनर्वसु नक्षत्र होने के साथ-साथ कई और शुभ संयोग बन करे हैं। आज बुधादित्य योग, वाशी योग, व्याघात योग और सुनफा योग का संयोग भी बना है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण, पितृ सूक्त, गीता पाठ करें। दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
हरियाली अमावस्या को श्रद्धालु प्रकृति के पर्व के रूप में भी मनाते हैं। लोग आज के दिन आम, पीपल, वट, नीम, आंवला जैसे पेड़ लगाते हैं और इनकी पूजा भी करते हैं। कृषि संबंधी यंत्रों की भी पूजा होती है। किसान अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं। इसी के साथ आज घरों में विभिन्न पकवान बनाए जाते हैं और पितरों को अर्पित करने के बाद उनका भोग लगाया जाता है।