Wed, Dec 24, 2025

Kaal Ashtami: ज्येष्ठ मास की कालाष्टमी में 2 दिन बाकी, बन रहे हैं 4 शुभ योग, ऐसे करें भगवान भैरव की पूजा, दूर होंगे जीवन के कष्ट

Published:
Last Updated:
Kaal Ashtami: ज्येष्ठ मास की कालाष्टमी में 2 दिन बाकी, बन रहे हैं 4 शुभ योग, ऐसे करें भगवान भैरव की पूजा, दूर होंगे जीवन के कष्ट

Kaal Ashtami: ज्येष्ठ मास की कालाष्टमी 12 मई 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन इस भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताएं हैं कि इस दिन काल भैरव प्रकट हुए थे। इस व्रत को करने से जीवन की परेशानियां, काल और दुख से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग

हिंदू पंचांग के मुताबिक काल अष्टमी की तिथि 12 मई सुबह 9:06 बजे से शुरू होगी, जिसका समापन 13 मई सुबह 6:50 बजे होगा। रात को भगवान काल भैरव की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसलिए 12 मई को व्रत रखा जाएगा। इस बार चार शुभ योग में कालाष्टमी मनाई जाएगी, जिसमें स्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग, रवि योग और शुक्ल योग शामिल हैं।

ऐसे करें पूजा

  • कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • व्रत के दौरान काले रंग के वस्त्र धारण करने की अनुमति भी होती।
  • इसके बाद काल भैरव का ध्यान करते हुए गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • बेलपत्र, फल, फूल, धूप, धतूरा, दही आदि काल भैरव अर्पित करना  शुभ माना जाता है।
  • अब मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में काल भैरव की आरती करें और क्षमा याचना करें।
  • पूजा के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।
  • इस दिन जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य मिलता है।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)