Kali Puja 2023 : मां काली हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है। काली मां को कालिका, भद्रकाली, कापालिनी और अद्भुतदेवी आदि नामों से भी जाना जाता है। भले ही मां काली का भयंकर और उग्र रूप हो लेकिन वो अपने भक्तों की सदैव रक्षा करती हैं। उनका शरीर काला होता है, उनके हाथों में त्रिशूल और कटारी होती हैं। मां काली को नीति और प्रतिरक्षा की देवी माना जाता है। बता दें कि मां काली की पूजा का विशेष महत्व बंगाल और अन्य पश्चिमी राज्यों में है। इसी कड़ी में 10 नवंबर से दीपोत्सव का त्योहार शुरू हो चुका है। वहीं, आज पूरे देशभर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं मां काली के पूजन का शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व…
शुभ मुहूर्त
काली चौदस, छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती हैं। इस साल इस पर्व 11 नवंबर को मनाई जाएगी।
रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 नवंबर की रात 12 बजकर 32 मिनट तक
पूजा का कुल समय 53 मिनट है। इस दौरान आप भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं। पूजा में धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य का अर्पण कर सकते हैं। इस मुहूर्त में मां काली से शांति की कामना करें।
पूजा के नियम
पूजा स्थल को शुद्ध करें।
मां काली की पूजा के लिए धूप, दीप, फूल, फल और नैवेद्य की सामग्री तैयार करें।
मां काली के शक्तिशाली मंत्र “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” का जाप करें।
मूर्ति या चित्र के सामने ध्यान लगाकर आराधना करें।
मां काली की चालीसा और स्तोत्रों का पाठ करें।
काली माता की पूजा में दान और सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका है। गरीबों को भोजन, वस्त्र या आवश्यक सामग्री दें।
महत्व
मां काली को शक्ति की देवी के रूप में पूजना हिन्दू धर्म में परंपरागत पूजा विधि है। इनकी उपासना से भक्त उनकी उग्र और क्रूर रूप की प्राप्ति करते हैं, जिससे उनमें साहस और संघर्ष की भावना उत्पन्न होती है। इस दिन मां काली की पूजा करने से भक्तों को संसारिक समस्याओं से मुक्ति, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और माता के आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है। कई पुराणों में बताया गया है कि मां काली ने असुरों और राक्षसों का संहार किया है। उनकी पूजा करने से भक्त अधर्मिकता और दुश्मनों से मुक्ति पाते हैं।
आप सभी को MP Breaking News परिवार की ओर से काली चौदस की हार्दिक शुभकामनाएं!
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)
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Sanjucta Pandit
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