साल 2024 में 8 मार्च को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sanjucta Pandit
Published on -

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम से पूरे देश में मनाई जाती है। इस दिन भक्त सुबह से ही मंदिरों में पहुंच जाते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। हिंदू धर्म में यह बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार होता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और इसे हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। जिसके अनुसार, साल 2024 में यह पर्व 8 मार्च को मनाई जाएगी। इस दौरान देव आदि देव महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी। इस दिन भक्त दिनभर व्रत रखते हुए मंदिरों में शिवलिंग पर बाबा भोलेनाथ की प्रिय चीजें जैसे भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र, गंगाजल और दूध-दही अर्पित करते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताएंगे…

साल 2024 में 8 मार्च को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जानें शुभ मुहूर्त?

महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानि 8 मार्च को संध्याकाल 09 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो रही है जोकि अगले दिन 09 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं, पूजा करने का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है।

किन सामग्री का करें उपयोग?

  • बेल पत्र
  • धातु कलश
  • दूध
  • धारा
  • गंगा जल
  • धूप
  • दीप
  • अगरबत्ती
  • फल
  • पुष्प
  • बिल्व पत्र
  • चंदन
  • रुद्राक्ष माला

पूजा की विधि क्या है?

  1. एक साफ और शुद्ध स्थान चुनें, जहां आप पूजा कर सकते हैं।
  2. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पहले स्नान करें।
  3. जिसके बाद साफ वस्त्र धारण करें।
  4. फिर शिवलिंग पर गंगा जल या दूध से जलाभिषेक करें।
  5. अब पुष्प, बेल पत्र, बिल्व पत्र, भांग, धतूरा, आदि चढाएं।
  6. अब “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।
  7. फिर धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, गंध से भगवान की पूजा करें।
  8. इस दौरान शिव कथा सुनें और शिव भजन गाएं।
  9. फिर शिव आरती गाएं।

क्या है इस दिन का महत्व?

बता दें कि इस दिन भगवान शिव की पूजा, ध्यान, मंत्रों का जाप और रात्रि भोज किया जाता है। यह पर्व हिंदू समाज में भगवान शिव की अपार कृपा और शक्ति को प्राप्त करने का अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने मां पार्वती से विवाह किया था। इसलिए इस दिन को भगवान शिव और मां पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने अपने पति को प्राप्त करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन विशेष तप किया था और भगवान शिव की कृपा से उनका विवाह हुआ था। यह व्रत सुहागिनों के लिए अखंड सौभाग्य की कामना करते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News