Ujjain। इस साल 25 जनवरी को सात साल बाद गुरु पुष्य नक्षत्र की साक्षी में माघ मास का आरंभ हो रहा है। पंचांग की गणना के अनुसार माघ मास में पांच बार सर्वार्थसिद्धि योग तथा दो बार अमृत सिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है, जो की धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
25 जनवरी को गुरुवार पूर्णिमा तिथि पर सुबह 8.18 बजे से पुष्य नक्षत्र का आरंभ होगा, जो अगले दिन शुक्रवार को सुबह 10.35 तक रहेगा। माघ मास का आरंभ गुरु पुष्य और शुक्र पुष्य के संयुक्त अनुक्रम से रहेगा। यह एक अच्छी स्थिति है, क्योंकि जब कोई विशेष नक्षत्र में पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होता है तो उसकी पूर्णता अनुकूल मानी जाती है। क्योंकि गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनाता है।
सात साल के बाद इस वर्ष बन रहे ये महा योग
भारतीय ज्योतिष शास्त्र एवं पंचांग के अनुसार माघ मास का आरंभ 25 जनवरी दिन गुरुवार को पुष्य नक्षत्र की साक्षी में हो रहा है। पुष्य नक्षत्र दो दिन रहने से गुरु व शुक्र पुष्य कहलाएंगे। जबकि श्रेष्ठता गुरु पुष्य की मानी जाती है। इससे पहले यह योग 2016 में बना था।
धार्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय
धार्मिक कार्यों के दृष्टि से ये दिन बहुत अनुकूल होंगे । इस दिन स्नान , दान, व्रत, पितरों का पूजन आदि कर सकते हैं। 22 फरवरी को गुरु पुष्य नक्षत्र दोबारा संयोग बन रहा है। धर्मशास्त्र की मान्यता के अनुसार जब ऐसे योग एक ही माह में दो बार बनाते हो तो यह धर्म, अध्यात्म व सांसारिक सुखों की दृष्टि से सर्वोत्तम स्थिति है।
कब कब रहेगा सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग
इस बार माघ माह में कुल पांच बार सर्वार्थ सिद्धि तथा दो बार अमृत सिद्धि योग बनने जा रहे है । धार्मिक व मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन विशेष है। 25 व 31 जनवरी तथा 5,13 व 15 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग और 17 तथा 19 फरवरी को अमृत सिद्धि योग बनेगें।
माघ माह के महयोगों के बीच ही 9 फरवरी दिन शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की अमावस्या आ रही है। ‘महोदय’ नाम के योग में आ रही इस अमावस्या का स्नान दान में विशेष महत्व है।’ महोदय योग’ सुबह 8 बजकर 4 मिनट से शाम 7 बजे तक रहेगा।