मकर संक्रांति आज, तिल के ये 5 टोटके कर देंगे मालामाल, जाग उठेगी सोई किस्मत, बनेंगे बिगड़े काम, पूरी होगी मनोकामना

Manisha Kumari Pandey
Updated on -

Makar Sankranti 2024: आज यानि 15 जनवरी को पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। करीब 77 वर्षों बाद मकर संक्रांति सोमवार को पड़ी है। इस पर्व के दिन तिल का महत्व विशेष होता है। बिना तिल के मकर संक्रांति अधूरी मानी जाती है। तिल को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है काले तिल के कुछ टोटके आपका भाग्य चमका सकते हैं। इन उपायों से आर्थिक तंगी दूर होती है। सफलता और तरक्की के योग बनते हैं। बुरी नजर से छुटकारा मिलता है।

बुरी नजर होगी दूर

काले तिल को नहाने के पानी में डालकर स्नान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से बुरी नजर से छुटकारा मिलता है। आप तिल के उबटन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

धनलाभ के लिए करें ये काम

मकर संक्रांति के संध्या काल में एक लाल कपड़े में काले तिल को डालकर एक पोटली बना लें। इस पोटली को सूर्यदेव को अर्पित करें और इसे तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से धनलाभ के योग बनते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

कर्ज से मुक्ति के लिए

मकर संक्रांति के दिन एक मुट्ठी काले तिल को कपड़े में बांधकर पीपल पेड़ के नीचे गाड़ दें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कर्ज से मुक्ति मिलती है।

दूर होगा पितृ दोष

इस दिन पवित्र नदि में स्नान के बाद पितरों के नाम पर काले तिल का दान करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

घर-परिवार में खुशहाली के लिए

मकर संक्रांति के दिन एक मुट्ठी काले तिल को परिवार के सिर से 7 बार वार करके उत्तर दिशा में फेंक दें। ऐसा जरने से नकरात्मक ऊर्जा दूर होती है। घर-परिवार में शांति और खुशहाली बनी रहती है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मन्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News