Masik Shivratri 2023 : सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि को बहुत ही शुभ और महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। जिसे शिव पुराण में भी विशेष महत्त्व दिया गया है। इस व्रत को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा, अर्चना, ध्यान और जप किया जाता है। शिव भक्त अलग-अलग तरीकों से उनकी पूजा करते हैं, जैसे कि शिवलिंग का स्नान करना, बेल पत्र और धतूरा चढ़ाना, शिव की चालीसा और मंत्रों का पाठ करना आदि।
भक्तों को होती है मोक्ष की प्राप्ती
यह व्रत शिव पुराण में कई कथाओं और मान्यताओं से जुड़ा है। जिसे भक्ति और श्रद्धा से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिव की अनुकंपा और कृपा अधिक होती है और उनकी पूजा से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान आप ‘श्री शिव रुद्राष्टकम’ स्तोत्र पढ़ें जो कि भगवान शिव को समर्पित एक महत्त्वपूर्ण स्तोत्र है, जिसे शिवरात्रि और अन्य शिव पूजा के दिनों पर पढ़ा जाता है। इसमें रुद्राष्टकम, भगवान शिव की महिमा, शक्ति और कृपा का गुणगान बताया गया है। बता दें कि यह स्तोत्र श्लोकों में भगवान शिव की महात्म्य को वर्णित करता है और शिव की महानता, दया, क्षमा, शक्ति, और शांति की प्राप्ति की प्रार्थना किया जाता है।
कैसे करें भगवान शिव की पूजा?
- शिव पूजा करने से पहले स्नान करें।
- पूजा के लिए एक स्थिर और शुद्ध स्थान चुनें।
- शिवलिंग में चढ़ाने के लिए जल, दूध, बेल पत्र, धतूरा, बिल्व पत्र, धूप, दीप, चंदन, कुश ग्रास, फूल, फल, आदि।
- जिसके बाद शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं।
- साथ ही बिल्व पत्र, धतूरा चढ़ाएं और धूप, दीप जलाएं।
- फिर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का पाठ करें।
- शिव की आरती गाएं और उन्हें प्रणाम करें।
- अंत में पूजा का प्रसाद बांटें और स्वयं भी खाएं।
जानिए ‘श्री शिव रुद्राष्टकम’ स्तोत्र?
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
निराकारमूलं तुरीयं गिरा
ज्ञानगोतीतमीशं गिरीशं करालम्।
महाकालकालं कृपालं गुणागारं
संसारपारं नतोऽहं तुषाराद्रिं॥
तस्मै श्रीगुरुमूर्तये नम इदं
श्रीदक्षिणामूर्तये वैश्रवणाय।
महादेवायाऽन्धकारविनाशनाय।
मृत्युञ्जयाय सर्ववेदस्वरूपिणे॥
किन मंत्रों का करें जाप?
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ शंकर आए नमः
- ॐ महादेवाय नमः
- ॐ महेश्वराय नमः
- ॐ श्री रुद्राय नमः
- ॐ नीलकंठ आए नमः
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)