Padmini Ekadashi 2023: करीब 19 साल बाद सावन में अधिक मास का संयोग बन रहा है। अधिकमास में 4 एकादशी व्रत पड़ रहा है। जिसमें से एक पद्मिनी एकादशी है। यह एकादशी हर 3 साल पर आती है। इस दौरान विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों का ही आशीर्वाद प्राप्त होगा।
पद्मिनी एकादशी का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से यश में वृद्धि होती है। मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है। पद्मिनी एकादशी का व्रत करने से पुत्र प्राप्ति की मनोकामनाएं पूरी होती है। अधिक मास में की गई पूजा का महत्व बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दौरान पूजा पाठ करने से दोगुना ज्यादा फल मिलता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार 29 जुलाई शनिवार को पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 28 जुलाई शुक्रवार को दोपहर 2:51 बजे एकादशी तिथि का शुभारंभ होगा और शनिवार दोपहर 1:05 बजे इसका समापन होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:22 से लेकर सुबह 9:04 तक है। वहीं दोपहर में 12:27 से लेकर शाम 5:33 तक पूजा का सहूबू मुहूर्त है। 30 जुलाई को पारण होगा।
बन रहे हैं दो शुभ योग
पद्मिनी एकादशी पर दो शुभ योग बन रहे हैं। सुबह ब्रह्म योग में का निर्माण हो रहा है। इसके बाद इन्द्र योग में नारायण की पूजा की जाएगी।
ऐसे करें पूजा
- पद्मिनी एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- पूजा स्थल पर दीप प्रज्वलित करें और श्रीहरि का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु का जल अभिषेक करें और उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
- श्रीहरि का शृंगार करें और चंदन लगाएं।
- भगवान विष्णु को फूल और भोग अर्पित करें।
- मंत्रों का जाप करें और आरती के साथ पूजा का समापन करें।
- भगवान विष्णु की शाम में आरती करें और द्वादशी तिथि के दिन व्रत का पारण करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)