Puja Path Niyam: खड़े होकर या बैठकर कैसे करें पूजा? ये है सही नियम, जान लें वरना आएगी दरिद्रता

पूजा के समय विधि-विधान का पालन न करने पर बुरा प्रभाव पड़ता है। दरिद्रता और दुर्भाग्य आता है। आइए जानें खड़े होकर उआ बैठकर पूजा का सही नियम क्या है?

Manisha Kumari Pandey
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Puja Path Niyam: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान विधि-विधान का विशेष महत्व होता है। नियमों के अनुसार पूजा न करने पर अच्छे फल भी नहीं मिलते हैं। कई लोग अनजाने में गलत तरीके से पूजा करते हैं, जिसके कारण उन्हें शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती। साथ ही दुर्भाग्य दुर्भाग्य आता है और  घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है  कई नुकसान का सामना भी करना पड़ता है। आइए जानें  बैठकर या खड़े होकर पूजा की सही विधि क्या है?

 खड़े होकर पूजा करना क्यों अशुभ?

शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार खड़े होकर पूजा करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। खड़े होकर पूजा करना व्यक्ति की जल्दबाजी को दर्शाता है। देवी-देवताओं की पूजा भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। इसलिए जब भी पूजा करें तो वक्त जरूर निकालें।

क्या है पूजा का सही नियम?

घर में पूजा करते समय  सीधे जमीन पर बैठना भी शुभ नहीं माना जाता। बुरे प्रभाव से बचने के लिए हमेशा आसान बिछाकर पूजा करनी चाहिए। ध्यान रखें कि आप जहां बैठ रहें हैं वह फर्श मंदिर के स्पर्श से ऊंचा न हो। आरती के समय आसन पर खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि कभी चौकी को चौकी या किसी ऊंची पाटी को आसान नहीं बनाना चाहिए।

 पूजा के दौरान रखें इन बातों का भी ख्याल

महिला और पुरुष दोनों को ही अपने सिर को ढक कर पूजा करनी चाहिए। ऐसा न करने से सारा फल और पुण्य आकाश में चला जाता है। पूजा-पाठ करते समय व्यक्ति का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)

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