Rakshabandhan 2023: रक्षाबंधन के बाद राखी का क्या करें, कितने दिन रहना चाहिए कलाई पर?

Rakshabandhan 2023 : सावन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाले रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार है, इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हा और फिर भाई उसे उसकी रक्षा का वचन देता है, भले ही इस त्यौहार पर आज बाजारवाद का प्रभाव दिखने लगा है लेकिन वैदिक काल से  इसमें छिपे भाव अभी भी नहीं बदले हैं, बड़ी बात ये है कि राखी के इस त्यौहार को सिर्फ हिंदू ही  नहीं दूसरे धर्म के लोग भी मनाने लगे हैं।

राखी के कच्चे धागों का मजबूत बंधन है रक्षाबंधन 

हम यहाँ रक्षाबंधन के त्यौहार के छिपे भाई बहन के अटूट रिश्ते को मजबूत करने वाले कच्चे धागे (पहले के ज़माने में कच्चे धागे की राखी बहन बनाती थी और उसे भाई की कलाई पर बांधती थी) के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, आज इस प्रगतिवादी और विज्ञापनवादी दौर में कच्चे धागे से बनने वाली राखियां फेंसी हो गई है लेकिन इसका भाव अभी वही है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....