Sankashti Chaturthi: ज्येष्ठ मास की संकष्टी चतुर्थी 8 मई को मनाई जाएगी। हिन्दू धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यताएं हैं कि इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से भगवान गणेश ज्ञान और सुख समृद्धि का वरदान देते हैं। मनोकामनायें पूर्ण होती।
हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि का आरंभ 8 मई शाम 6:18 बजे हो रहा है। वहीं इसका समापन 9 मई शाम 4:10 बजे होगा। पूजा चंद्रोदय के बाद होगी।
पूजा की विधि
- संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना जाता है।
- स्नान कर और स्वच्छ कपड़े धारण कर लें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें और दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान गणेश को भोग अर्पण करें और उसके बाद आरती करें।
पूजा के दौरान बप्पा को चढ़ाएं ये चीजें
पूजा के दौरान गणपति बप्पा पर कुछ चीजों को चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। दूर्वा घास बप्पा को बहुत प्रिय होता है। साथ ही भगवान गणेश को काले तिल और गुड़ के लड्डू, सुपारी और सिंदूर चढ़ाएं। साथ ही एक घी का दीपक जरूर जलाएं।
(Disclaimer: इस लेख क्स उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता)