Sawan 2024 : 22 जुलाई से शुरू होगा सावन मास, यहां जानिए 500 साल पुराने भगवान शिव के मंदिर के बारें में जहां पूरी होती है हर मनोकामना

Sawan 2024 : भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना विशेष महत्व रखता है। दरअसल इस पवित्र महीने में शिव की आराधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Rishabh Namdev
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Sawan 2024 : 22 जुलाई से सावन मास का शुभारंभ हो रहा है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। दरअसल इस पवित्र महीने में शिव की आराधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां शिव की पूजा से हर मनोकामना सिद्ध होती है। यह मंदिर राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित चोपड़ा महादेव मंदिर है, जो अपनी अद्भुत शक्ति और सैकड़ों साल पुराने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।

सावन का महत्व

दरअसल सावन मास के आगमन के साथ ही भगवान शिव की भक्ति का माहौल चारों ओर छा जाता है। इस महीने में शिव भक्त बड़ी संख्या में व्रत और पूजा करते हैं, विशेषकर सोमवार के दिन। सावन सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व होता है और भक्तजन शिवालयों में जाकर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और अन्य धार्मिक क्रियाओं के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करते हैं। इस महीने में शिव की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

मंदिर का इतिहास

सूचना के अनुसार, राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित चोपड़ा महादेव मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1856 में महाराजा भगवंत सिंह के मामा, राजधर कन्हैया लाल ने करवाया था। यह मंदिर उस स्थान पर बना है, जहां एक गुफा में भगवान शिव के प्रकट होने की मान्यता है। भारतीय पुरातत्व विभाग के अनुसार, यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना है। हर साल, महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ विशेष उत्सव आयोजित होते हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

दरअसल चोपड़ा महादेव मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है। यह मंदिर 150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 25 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती हैं। मंदिर परिसर में एक चौकोर कुंड है, जिसके कारण इस मंदिर को चोपड़ा मंदिर कहा जाता है।

माना जाता है कि इस कुंड का पानी पवित्र और औषधीय गुणों से भरपूर है, और यहां स्नान करने से शरीर और मन को शांति मिलती है। मंदिर की दीवारों पर प्राचीन शिलालेख और मूर्तियां हैं, जो इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और बढ़ाती हैं।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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