Sawan Purnima/Adhik Maas Purnima 2023 : साल में सावन के महीने का बड़ा महत्व माना जाता है और इस अवधि में पड़ने वाली एकादशी, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, सावन पूर्णिमा-अमावस्या का भी विशेष महत्व रहता है। चुंकी इस बार सावन महीना 59 दिन का है और अधिकमास भी चल रहा है, ऐसे में 4 एकादशी, 2 पूर्णिमा और 2 अमावस्या पड़ेंगी। हाल ही में पद्मिनी या कमला एकादशी निकल चुकी है और अब 1 अगस्त को सावन पूर्णिमा है। इस दौरान भी 3 दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसका व्रत पूजा पाठ करने वालों को बहुत लाभ मिलेगा। ।खास बात ये है कि इस दिन मंगला गौरी व्रत भी है।
पूर्णिमा पर बनेंगे 3 दुर्लभ संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने की पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को पड़ रही है। सावन पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 2 अगस्त सुबह 1 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार सावन अधिकमास पूर्णिमा व्रत 1 अगस्त 2023, मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार होने के कारण इस दिन मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा। पूर्णिमा के दिन 3 बेहद शुभ योग भी बन रहे हैं। सावन पूर्णिमा के दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग के साथ बुध शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा। उत्तराषाढ़ नक्षत्र भी रहेगा। ये पूर्णिमा दुर्लभ है, क्योंकि सावन महीने का अधिक मास 19 साल बाद आया है और इस महीने की पूर्णिमा पूजा-पाठ के लिहाज से बहुत शुभ रहेगी।
करें ये उपाय, मिलेगा लाभ
- अधिकमास की पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करें। नदी में ही सूर्य को अर्घ्य दें और मंत्रों का जाप करें।
- तुलसी की पूजा करें। सत्यनारायण की कथा करें, शाम को दीपक जलाएं।पूर्णिमा व्रत दिन के भगवान विष्णु और माता तुलसी की आराधना का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
- मुख्य रूप से अधिक मास की पूर्णिमा के दिन तुलसी का विशेष पूजन करें। चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है, इसलिए इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से धन लाभ के साथ समृद्धि बनी रहती है।
- ये पूर्णिमा मंगलवार को रहेगी, इस कारण इस दिन हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। हनुमान का सिंदूर और चमेली के तेल से श्रृंगार या प्रतिमा को चोला चढ़वा सकते हैं। सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- पूर्णिमा पर विष्णु जी और महालक्ष्मी का अभिषेक करना चाहिए। इस तिथि पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करने की परंपरा है। लक्ष्मी पूजन विष्णु जी के साथ किया जाए तो भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं।
- ऐसी मान्यता है। अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करें, इसके लिए केसर मिश्रित दूध का इस्तेमाल करना चाहिए।
भगवान का तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। - बाल गोपाल का गोमाता की मूर्ति के साथ अभिषेक करें। बाल गोपाल का माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं।
विवाह में अड़चन आने पर करें ये उपाय
जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, उन्हें पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा को दूध का अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है।विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए पूर्णिमा तिथि के दिन माता गौरी को 16 श्रृंगार अर्पित करें और उनकी विधिवत उपासना करें।
पूजा का शुभ समय
- अधिकमास पूर्णिमा तिथि शुरू – 1 अगस्त 2023, सुबह 03.51
- अधिकमास पूर्णिमा तिथि समाप्त – 2 अगस्त 2023, प्रात: 12.01
- स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 04.18 – सुबह 05.00
- सत्यनारायण पूजा – सुबह 09.05 – दोपहर 12.27
- चंद्रोदय समय – शाम 07.16
- मां लक्ष्मी पूजा – प्रात: 12.07 – प्रात: 12.48 (2 अगस्त 2023)
- आयुष्मान योग – 01 अगस्त 2023, शाम 06.53 – 02 अगस्त 2023, दोपहर 02.34
- प्रीति योग – 31 जुलाई 2023, रात 11.05 – 01 अगस्त 2023, शाम 06.53
- लक्ष्मी नारायण योग – ज्योतिष शास्त्र में बुध को नारायण और शुक्र को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। ये धन लाभ कराने वाला योग है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)