Shani Dev : शनि देव को हिंदू धर्म न्याय का देवता माना जाता है। जिनकी पूजा-अर्चना विशेष रूप से शनिवार को की जाती है। इस दौरान यदि भक्ति से जरा सी भी भूल चूक हो जाए, तो उन्हें भयंकर परिणाम भुगतना पड़ सकता है, लेकिन उनके शरण में जाने से भक्तों के सारे कष्ट भी शनि देव हर लेते हैं और अपनी असीम कृपा बनाए रखते हैं। शनि देव को कर्मफल दाता माना जाता है। वह जातकों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले को वह हमेशा शुभ फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को हमेशा दंडित करते हैं। कोई भी शनिदेव की नजर से बच नहीं पाते।
आज हम आपको उन लोगों के बारे में बताएंगे, जिन्हें शनि देव सबसे अधिक परेशान करते हैं। उनके जीवन में कभी भी सुख और शांति नहीं आती।
मिलते हैं कष्ट
ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों को दो भागों में बांटा गया है। मंगल, राहु, केतु और शनि को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है, तो वहीं बुध, गुरु, शुक्र, रवि और चंद्र ग्रह को शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। शनि देव ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। इस दौरान वह वक्री और मार्गी चाल चलते हैं। इस दौरान कई बार वह अस्त भी होते हैं और कई बार उदित भी होते हैं।
कब लेते हैं परीक्षा
शास्त्रों की मानें तो शनि की महादशा, शनि की ढैया और शनि की साढ़ेसाती के अलावा शनि देव के चतुर्थ भाव में रहने पर जातक को जीवन में कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान इन्हें तीन चरणों में जातक की परीक्षा होती है। ज्योति शास्त्रों के अनुसार, शनि के कुंडली के चतुर्थ भाव में रहने पर जातक को माता से वियोग मिलता है। शरीर में कई तरह के रोग हो जाते हैं, जिससे मानसिक स्थिति भी कमजोर हो सकती है। मकान संबंधी कामों में असफलता हाथ लग सकती है।
करें ये उपाय
इस विषम परिस्थिति से निपटने के लिए ज्योतिष शास्त्रों में कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से भक्तों के जीवन से कष्ट दूर होते हैं। शनिवार को शनि देव की पूजा अर्चना करें। तिल के तेल से दीपक जलाएं। हो सके तो इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों में दान करें। यह हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना गया है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)