Shani Dosh: जिस प्रकार हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है, उसी प्रकार शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है। शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि शनि देव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल मिलते हैं, वहीं बुरे कर्म करने वालों को दंड मिलता है। शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और उपासना के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन लोग शनि देव को तेल, काले तिल, उड़द, लोहा, नारियल आदि अर्पित करते हैं। यह भी माना जाता है कि शनि देव काले रंग के वस्त्र, शनि यंत्र और शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं को पसंद करते हैं। इसलिए, शनिवार के दिन लोग काले रंग के वस्त्र धारण करते हैं, शनि यंत्र की पूजा करते हैं और शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करते हैं। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि चालीसा का पाठ करना भी लाभदायक माना जाता है। यह विश्वास है कि शनि देव की पूजा और उपासना करने से शनि की दशा से राहत मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि आ सकती है।
कुंडली में शनि मजबूत करने के लिए करें ये उपाय
ज्योतिष शास्त्र में, पीपल के पेड़ को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसका विशेष महत्व शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में शनि कमजोर होता है, उन्हें शनि के प्रकोप से बचाव के लिए पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और जल चढ़ाना चाहिए। यह माना जाता है कि पीपल का वृक्ष शनि ग्रह का प्रतीक है। इसलिए, पीपल की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। पीपल वृक्ष की पूजा करने का सबसे उत्तम दिन शनिवार माना जाता है। इस दिन, प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर पीपल के वृक्ष के पास जाएं। वृक्ष की जड़ों में जल चढ़ाएं, तेल का दीपक जलाएं और धूप करें। इसके बाद, वृक्ष को परिक्रमा करते हुए शनि देव के मंत्रों का जाप करें। आप “ॐ शनिदेवाय नमः” या “ॐ प्रिये शनिदेव नमः” जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
प्रत्येक शनिवार को शनि देव को तेल अर्पित करना चाहिए। इसके लिए, शनिवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर, शनि देव की प्रतिमा या मंदिर में जाएं। शनि देव की प्रतिमा पर तिल का तेल चढ़ाएं। इसके बाद, धूप जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। यदि संभव हो तो शनि देव के मंत्रों का भी जाप करें। शनि देव की पूजा के साथ ही, जरूरतमंद लोगों को काले कपड़े का दान भी करना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
शनिवार का व्रत रखने के लिए, प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद, शनि देव की प्रतिमा या मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें। शनि देव को तेल, तिल, काले कपड़े, फूल आदि अर्पित करें। धूप जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद, संपूर्ण दिन केवल नमक रहित और सात्विक भोजन ग्रहण करें। शाम को सूर्यास्त के बाद व्रत खोलें। यह व्रत कम से कम 19 शनिवार तक करना चाहिए। आप चाहें तो 51 शनिवार तक भी व्रत रख सकते हैं। शनिवार का व्रत रखने के अलावा, शनि ग्रह से जुड़े अन्य उपाय भी करने चाहिए।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)