Shani Vakri 2024 : शनि देव को हिंदू में न्याय और कर्म का देवता माना गया है, जो अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार परिणाम देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में उन्हें कर्मकारक ग्रह भी कहा गया है। वह अपने गुस्से वाले प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं। अगर वह किसी से नाराज हो गए तो जातक के जीवन को कष्टों से भर देते हैं। साल 2023 के अंत में शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं, यहां वह ढाई साल तक रहने वाले हैं। वहीं, जून में वह व्रकी अवस्था में चलने लगेंगे। इस दौरान कुछ राशियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की वक्र दृष्टि को अशुभ माना गया है। जिसका सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में कुछ राशियां ऐसी भी हैं, जिन्हें सबसे अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
दरअसल, शनि की उल्टी चाल से कर्क, मीन, कन्या, सिंह और वृश्चिक राशि के जातकों को बुरा प्रभाव झेलना पड़ सकता है। उन्हें आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से हानि पहुंच सकती है। इन राशियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इसके लिए आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से आप शनि की वक्र दृष्टि के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं।
करें ये उपाय
- शनि देव की वक्र दृष्टि से बचने के लिए भगवान शिव की नियमित तौर पर पूजा करें। हर रोज शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाएं। इससे जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा आप पर बनी रहेगी।
- शनि देव की वक्र दृष्टि के अशोक प्रभाव से बचने के लिए आपको हर रोज 108 बार रुद्राक्ष की माला से मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। यह साधक के आत्मविश्वास और मानसिक शांति को बढ़ाने में मदद करता है जोकि आत्मिक शांति का भी एक स्रोत है।
- हर शनिवार को कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनि देव से अपने पापों की क्षमा मांगे। मान्यताओं के अनुसार, इस उपाय को अपने से सड़क के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- जातकों को हर शनिवार को शनि देव की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान आप ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। इससे आप शनि की वक्र दृष्टि के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)