Shani Amavasya 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र अमावस्या 29 मार्च, शनिवार को पड़ रही है, जिसे शनिश्चरी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन और भी ख़ास इसलिए होने वाला है क्योंकि इसी दिन सूर्यग्रहण लग रहा है और शनिदेव मीन राशि में गोचर करने वाले हैं। एक दिन में इतनी सारे योगों का बनना अपने आप में ख़ास बात है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या पर गंगा स्नान, दान पुण्य और पितरों का तर्पण करने से शुभ फल मिलते हैं। ख़ास तौर पर यह दिन उन लोगों के लिए बेहद ख़ास है जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya)
शनि अमावस्या जैसी शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है, यह एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन शनिदेव की विशेष शक्तियाँ प्रभावी होती है। अगर इस दिन कुछ सावधानियों का पालन नहीं किया जाए, तो शनि की कृपा की बजाय उनकी नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है। जिससे जीवन में आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्या, क़ानूनी मुसीबतें या रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है।
शनिदेव को पीठ न दिखाएं
शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, कुछ वस्त्र धारण करने के बाद शनि मंदिर जाकर विधि विधान से भगवान शनिदेव की पूजा अर्चना करें। भगवान शनिदेव से जुड़ी वस्तुओं को दान करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंदिर से लौटते समय शनिदेव को पीठ नहीं दिखाना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।
शनिदेव की आँखों में न देखें
शनि अमावस्या के दिन भगवान शनिदेव की पूजा के दौरान शनिदेव की आँखों में नहीं देखना चाहिए। माना जाता है कि शनिदेव की दृष्टि वक्री होती है, ऐसे में उनकी दृष्टि में देखने से बचना चाहिए क्योंकि उनकी दृष्टि में देखने ऐसी अशुभ प्रभाव झेलना पड़ सकता है, पूजा के दौरान आँखों को नीचे झुकाए रखना चाहिए।
इन चीज़ों को न ख़रीदें
शनि अमावस्या के दिन ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना या ज़रूरी चीज़ों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए, किसी भी जीव जन्तु को मारना नहीं चाहिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो शनिदेव नाराज़ हो सकते हैं। इस दिन लोहे का सामान्य नहीं ख़रीदना चाहिए।
सुनसान स्थानों पर न जाएं
शनि अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण भी लगनी जा रहा है ऐसे में इस दिन, क़ब्रिस्तान, श्मशान, या फिर सुनसान स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। माना जाता है कि अमावस्या तिथि को नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती है, जिससे कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।