Sunday Special: हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित होता है। आज रविवार है और रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है। रविवार के दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। रविवार के दिन भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने के बाद, जल अर्पित करने के बाद सूर्य अष्टक स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
॥सूर्य अष्टक स्तोत्रम्॥
नमः सवित्रे जगदेकचक्षुषे जगत्प्रसूतिस्थितिनाश हेतवे ।
त्रयीमयाय त्रिगुणात्मधारिणे विरञ्चि नारायण शंकरात्मने ॥
यन्मडलं दीप्तिकरं विशालं रत्नप्रभं तीव्रमनादिरुपम् ।
दारिद्र्यदुःखक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मण्डलं देवगणै: सुपूजितं विप्रैः स्तुत्यं भावमुक्तिकोविदम् ।
तं देवदेवं प्रणमामि सूर्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मण्डलं ज्ञानघनं, त्वगम्यं, त्रैलोक्यपूज्यं, त्रिगुणात्मरुपम् ।
समस्ततेजोमयदिव्यरुपं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं गूढमतिप्रबोधं धर्मस्य वृद्धिं कुरुते जनानाम् ।
यत्सर्वपापक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं व्याधिविनाशदक्षं यदृग्यजु: सामसु सम्प्रगीतम् ।
प्रकाशितं येन च भुर्भुव: स्व: पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं वेदविदो वदन्ति गायन्ति यच्चारणसिद्धसंघाः ।
यद्योगितो योगजुषां च संघाः पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं सर्वजनेषु पूजितं ज्योतिश्च कुर्यादिह मर्त्यलोके ।
यत्कालकल्पक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं विश्वसृजां प्रसिद्धमुत्पत्तिरक्षाप्रलयप्रगल्भम् ।
यस्मिन् जगत् संहरतेऽखिलं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं सर्वगतस्य विष्णोरात्मा परं धाम विशुद्ध तत्त्वम् ।
सूक्ष्मान्तरैर्योगपथानुगम्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं वेदविदि वदन्ति गायन्ति यच्चारणसिद्धसंघाः ।
यन्मण्डलं वेदविदः स्मरन्ति पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥
यन्मडलं वेदविदोपगीतं यद्योगिनां योगपथानुगम्यम् ।
तत्सर्ववेदं प्रणमामि सूर्य पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥॥
मण्डलात्मकमिदं पुण्यं यः पठेत् सततं नरः ।
सर्वपापविशुद्धात्मा सूर्यलोके महीयते ॥ ॥
॥ इति श्रीमदादित्यहृदये मण्डलात्मकं स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
अष्टक स्तोत्र का पाठ करने के क्या-क्या लाभ
सुख-शांति और समृद्धि: भगवान सूर्य की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
आरोग्य: सूर्य देव को स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
नौकरी और व्यवसाय: सूर्य देव को करियर और व्यवसाय में सफलता प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलती है।
शिक्षा: सूर्य देव को ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से शिक्षा में सफलता मिलती है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: सूर्य देव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
अष्टक स्तोत्र का पाठ करने की विधि
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. पूजा स्थान पर दीप प्रज्वलित करें और भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित करें।
4. भगवान सूर्य को फल, फूल और जल अर्पित करें।
5. सूर्य कवच और अष्टक स्तोत्र का पाठ करें। फिर आरती करें।
इन बातों का रखें ध्यान
पाठ करते समय मन शांत और एकाग्र होना चाहिए।पाठ को सही उच्चारण के साथ करना चाहिए। पाठ करने के बाद भगवान सूर्य से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)