Surya Grahan/Solar Eclipse 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है , जब भी कोई ग्रहण लगता है तो उस घटना को खगोलीय घटनाओं में एक माना जाता है। अप्रैल में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब अक्टूबर में साल का दूसरा ग्रहण लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसे रिंग और फॉयर (Ring Of Fire) कहते हैं।हालांकि यह ग्रहण भी भारत में नही दिखाई देगा और ना ही इसका सूतककाल मान्य होगा।
अक्टूबर में किस दिन लगेगा साल का दूसरा ग्रहण
ज्योतिष के अनुसार, साल का दूसरा ग्रहण 2 और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगेगा, लेकिन पहले सूर्य ग्रहण की तरह यह भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इस ग्रहण का समय रात 09:13 पीएम से अगले दिन सुबह 03:17 एएम तक रहेगा। यह ग्रहण बेहद लंबा होगा और इसकी अवधि करीब 6 घंटे की रहेगी, हालांकि, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा, क्योंकि ये ग्रहण रात में लगेगा।ये वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा और अपने चरम पर सूर्य का 93 प्रतिशत हिस्सा ढका रहेगा, जिसके कारण यह पृथ्वी से एक चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा।
भारत को छोड़कर किन देशों में देखा जा सकेगा
भारत में साल का दूसरा सूर्य ग्रहण तो नहीं दिखेगा लेकिन आर्कटिक, अर्जेंटीना, फिजी, चिली, पेरू, ब्राजील, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका आदि समेत कई अन्य देशों में भी इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने का अनुभव लोग पा सकेंगे।इस सूर्य ग्रहण में रिंग ऑफ फायर का नजारा दिखेगा। रिंग ऑफ फायर तब बनता है जब चांद सूर्य को पूरी तरह से ढ़क लेता है और सूर्य की गोलाई का सिर्फ सिरा ही नजर आता है।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं?
वेद- शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण लगने के ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जो ग्रहण समाप्त होने के साथ खत्म हो जाता है। सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन राशियों पर किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ेगा।सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल के समय पूजा-पाठ और कोई मांगलिक, धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।
कब लगता है सूर्य ग्रहण चन्द्र ग्रहण?
हिंदू धर्म में ग्रहण का बड़ा महत्व है। खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टियों से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।
ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं
- ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
- भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना बिल्कुल न खाएं।
- खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध किया जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)