Pradosh Vrat 2024 : प्रदोष व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे शिव भक्त विशेष रूप से करते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है और उन्हें दूध, धातूरा, बेल पत्र, धूप, दीप, फल, फूल आदि से अर्चना की जाती है। व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की कथाओं का पाठ भी किया जाता है। वहीं, साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत पौष महीने में यानी 9 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन मंगलवार पढ़ने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत होगा। आइए जानते हैं विस्तार से…
पूजन सामग्री
धूप, दीप, बिल्व पत्र, धातुरा, फल, फूल, गंगाजल, दूध, दही, घी, चावल, मिठाई, नारियल, रक्तचंदन, जल, अगरबत्ती, कपूर, शंख, बेल पत्र, रोली, अक्षता, चांदनी, आदि।
पूजन विधि
- इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें।
- जहां पूजा करनी है उस जगह को साफ-सुथरा और पवित्र बनाएं।
- शिवलिंग के लिए एक साफ कपड़ा बिछा दें।
- व्रत की शुरुआत में गणेश और कार्तिकेय की पूजा करें।
- जिसके बाद शिवलिंग को जल या गंगाजल से स्नान कराएं।
- इसके बाद रोली, चांदनी, अक्षता, बिल्व पत्र, धातूरा, दूध, दही, घी, चावल, मिठाई, फल, फूल, नारियल, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि से शिवलिंग की पूजा करें।
- फिर “ॐ नमः शिवाय” और अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।
- पूजा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की कथाओं का पाठ करें।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को मृत्यु से संबंधित दुर्भावनाओं से मुक्ति मिलती है और रोगों की रक्षा होती है। यह मंत्र सुख, शांति और शक्ति की प्राप्ति के लिए है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)