Shani Dev : हिंदू धर्म में शनि देव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। बता दें कि उन्हें कर्म कारक देवता कहा जाता है क्योंकि वे व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे फल प्रदान करते हैं। शनि देव को न्याय का देवता भी कहा जाता है, क्योंकि वे हमेशा न्यायपूर्वक निर्णय करते हैं। शनि देव की कुदृष्टि का भय बहुत लोगों में होता है, क्योंकि यह माना जाता है कि उनकी अशुभ दृष्टि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं ला सकती है। वहीं, अगर शनि देव प्रसन्न हो जाएं तो वे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं। इसलिए लोग शनि देव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, व्रत और दान करते हैं। शनिवार का दिन विशेष रूप से शनि देव को समर्पित होता है। 2024 में शनि जयंती 6 जून को पड़ रही है और 29 जून को शनि वक्री हो रहे हैं। इसलिए ये दोनों दिन पूजा के लिए बेहद खास हैं, जिससे जातकों को शुभ परिणाम मिलेगा। आइए जानते हैं विस्तार से…
करें ये उपाय
- इस दिन भक्त शनि देव की पूजा करते हैं।
- उन्हें प्रसन्न करने के लिए तेल का दीपक जलाते हैं।
- काले तिल, काले वस्त्र और अन्य काली वस्तुएं दान करें।
- शनि मंदिरों में जाकर शनि देव के सामने दीपक जलाना चाहिए।
- इससे व्यक्ति के जीवन में शांति आएगी।
पीपल के वृक्ष की पूजा
- स्नान के बाद पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
- शाम के समय पीपल के वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा करें।
- पीपल वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें।
- इस दौरान “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
पूजन सामग्री
- सरसों या तिल का तेल
- दीपक और बाती
- काले तिल
- काले वस्त्र
- पुष्प, अक्षत (चावल), धूप, गंध (चंदन/कपूर)
- शनि चालीसा और मंत्र की पुस्तक
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- शनि देव की मूर्ति या तस्वीर को साफ करें।
- जिसके बाद शनि देव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं। इसमें सरसों या तिल का तेल डालें।
- इस दौरान शनि चालीसा का पाठ करें।
- इसके साथ ही “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
इसके अलावा, शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति उनके शुभ प्रभाव को प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना कर सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)