Kuber Dev : कुबेर देव को हिन्दू पौराणिक कथाओं में धन का देवता कहा जाता है। वह धन के भंडारधारी, लोकपाल और लोककल्याणकारी देवता के प्रतीक माने जाते हैं। उन्हें लक्ष्मी के संग्रहक और धन के नियंत्रक के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि कुबेर महाराज दक्षिण दिशा के धनपति होते हैं। वे धन का पालन-पोषण करते हैं।

कहा जाता है कि यदि धन के देवता कुबेर देव को प्रसन्न कर दिया जाए तो इंसान पर सदैव उनकी कृपा बनी रहती है। बता दें कि कुबेर देव का आशीर्वाद धन की कमी को दूर कर सकता है लेकिन यदि वो आपसे नाराज हो गए तो आपको धन हानि हो सकती है। जिस कारण आप राजा से फकीर भी बन सकते हैं।
अपनाएं ये उपाय
- कुबेर देव की कृपा पाने के लिए इंसान को विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। सनातन धर्म में कुबेर देव और माता लक्ष्मी को धन की देवी और देवता कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि यह दोनों देवी-देवता जिस घर में विराजमान होते हैं, वहां कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती।
- इसके साथ ही हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर देव दो लोगों के घर में कभी भी प्रवेश नहीं करते क्योंकि उनके घर में हमेशा दरिद्रता का साया बना रहता है।
- जानकारों के अनुसार, शाम 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक भगवान कुबेर देव घर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इस दौरान ऐसी कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे वह आपसे रुष्ट होकर वापस लौट जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस समय अंतराल में इंसान को घर की चौखट पर कभी नहीं बैठना चाहिए। इससे घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
- कुबेर देव की कृपा प्राप्त करने के लिए घर में हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें। क्योंकि जिन लोगों के घर में गंदगी रहती है, उनके घर भगवान कुबेर देव कभी प्रवेश नहीं करते। खासकर घर के मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें। शाम में पूजा करते वक्त घर के मुख्य द्वारों पर जल छिड़कें। इससे शुद्धता बनी रहती है और घर में कुबेर देव सहित माता लक्ष्मी का आगमन होता है।
- इसके अलावा, जो लोग सूर्य देव के उगने के बाद भी सोते हैं, उनके घर में कभी भी कुबेर देव प्रवेश नहीं करते। इससे घर में दरिद्रता प्रवेश करती है और इंसान के सभी सुखों का नाश हो जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)