शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए कब और कितनी बार लगानी चाहिए शमी के पौधे की परिक्रमा, जानें विस्तार से

Shami plant: शमी का पेड़ हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है। यह शनि ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शमी के पेड़ की पूजा की जाती है।

Bhawna Choubey
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Shami plant: सनातन धर्म में पेड़-पौधों का विशेष महत्व है। कई पेड़-पौधों को पूजा जाता है। इन्हीं पौधों में से एक है शमी का पौधा। ऐसा कहा जाता है कि घर में शमी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। शनिदेव और भगवान शंकर को शमी का पौधा अत्यंत प्रिय है। ऐसे में इस पौधे की पूजा करने से भगवान शंकर और शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है। शमी के पेड़ या पौधे की पूजा के बारे में तो सभी लोग कुछ ना कुछ जानते ही हैं, लेकिन अक्सर लोगों को इस बात का कन्फ्यूजन रहता है कि आखिर शमी के पेड़ या पौधे की परिक्रमा कितनी बार लगानी चाहिए। अगर आप भी इसी कन्फ्यूजन में रहते हैं और आपको नहीं पता है कि क्या करना चाहिए, तो इस लेख के द्वारा आज हम आपको बताएंगे कि शमी के पेड़ या पौधे की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए, चलिए जानते हैं।

शमी के पेड़ की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए

शमी के पेड़ या पौधे की 7 परिक्रमा लगाना उत्तम माना जाता है। शनि ग्रह के साथ इसका संबंध होने के कारण, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह संख्या शुभ मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि शमी के पौधे की पूजा के दौरान परिक्रमण लगाने से अगर किसी व्यक्ति के जीवन में साडेसाती चल रही है तो वह जल्द खत्म हो जाती है।

कब और कैसे लगाना चाहिए शमी का पौधा

शमी का पौधा लगाने का सबसे शुभ दिन शनिवार का दिन माना जाता है। इसके अलावा विजयदशमी के दिन भी शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। अगर मौसम की बात करें तो शमी का पौधा गर्म तापमान में अच्छी तरह बढ़ता है इसलिए इसे गर्मी की शुरुआती दिनों में लगाना अच्छा माना जाता है।

अगर दिशा की बात करें तो शमी का पौधा दक्षिण या पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। शमी के पौधे के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की बहुत जरूरत होती है। आप गमले में मिट्टी भर सकते हैं या सीधे जमीन में पौधा लगा सकते हैं। अगर गमले में शमी का पौधा लगा रहे हैं तो लगभग 2/3 मिट्टी भरें, मिट्टी में थोड़ी मात्रा में खाद डालें। इसके बाद शमी के पौधे को गमले में लगाए पौधे को अच्छी तरह से पानी दें, उसे धूप में रखें, साल में दो बार पौधे को खाद दें, नियमित रूप से पौधे की छंटाई करें।

किन बातों का ध्यान रखना होगा

1. परिक्रमा करते समय दिशा: सूर्योदय के बाद, दाएं हाथ से बाएं हाथ की ओर घूमते हुए परिक्रमा करें।
2. कपड़े: परिक्रमा करते समय स्वच्छ और सात्विक कपड़े पहनें।
3. मंत्र: परिक्रमा करते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
4. दीप: आप शमी के पेड़ के नीचे दीप भी जला सकते हैं।
5. फल: आप शमी के पेड़ को फल भी चढ़ा सकते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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