Shami plant: सनातन धर्म में पेड़-पौधों का विशेष महत्व है। कई पेड़-पौधों को पूजा जाता है। इन्हीं पौधों में से एक है शमी का पौधा। ऐसा कहा जाता है कि घर में शमी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। शनिदेव और भगवान शंकर को शमी का पौधा अत्यंत प्रिय है। ऐसे में इस पौधे की पूजा करने से भगवान शंकर और शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है। शमी के पेड़ या पौधे की पूजा के बारे में तो सभी लोग कुछ ना कुछ जानते ही हैं, लेकिन अक्सर लोगों को इस बात का कन्फ्यूजन रहता है कि आखिर शमी के पेड़ या पौधे की परिक्रमा कितनी बार लगानी चाहिए। अगर आप भी इसी कन्फ्यूजन में रहते हैं और आपको नहीं पता है कि क्या करना चाहिए, तो इस लेख के द्वारा आज हम आपको बताएंगे कि शमी के पेड़ या पौधे की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए, चलिए जानते हैं।
शमी के पेड़ की कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए
शमी के पेड़ या पौधे की 7 परिक्रमा लगाना उत्तम माना जाता है। शनि ग्रह के साथ इसका संबंध होने के कारण, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह संख्या शुभ मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि शमी के पौधे की पूजा के दौरान परिक्रमण लगाने से अगर किसी व्यक्ति के जीवन में साडेसाती चल रही है तो वह जल्द खत्म हो जाती है।
कब और कैसे लगाना चाहिए शमी का पौधा
शमी का पौधा लगाने का सबसे शुभ दिन शनिवार का दिन माना जाता है। इसके अलावा विजयदशमी के दिन भी शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। अगर मौसम की बात करें तो शमी का पौधा गर्म तापमान में अच्छी तरह बढ़ता है इसलिए इसे गर्मी की शुरुआती दिनों में लगाना अच्छा माना जाता है।
अगर दिशा की बात करें तो शमी का पौधा दक्षिण या पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। शमी के पौधे के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की बहुत जरूरत होती है। आप गमले में मिट्टी भर सकते हैं या सीधे जमीन में पौधा लगा सकते हैं। अगर गमले में शमी का पौधा लगा रहे हैं तो लगभग 2/3 मिट्टी भरें, मिट्टी में थोड़ी मात्रा में खाद डालें। इसके बाद शमी के पौधे को गमले में लगाए पौधे को अच्छी तरह से पानी दें, उसे धूप में रखें, साल में दो बार पौधे को खाद दें, नियमित रूप से पौधे की छंटाई करें।
किन बातों का ध्यान रखना होगा
1. परिक्रमा करते समय दिशा: सूर्योदय के बाद, दाएं हाथ से बाएं हाथ की ओर घूमते हुए परिक्रमा करें।
2. कपड़े: परिक्रमा करते समय स्वच्छ और सात्विक कपड़े पहनें।
3. मंत्र: परिक्रमा करते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
4. दीप: आप शमी के पेड़ के नीचे दीप भी जला सकते हैं।
5. फल: आप शमी के पेड़ को फल भी चढ़ा सकते हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)