कब और किस दिन करनी चाहिए मंदिर की साफ सफाई, जानें इससे जुड़े नियम

Bhawna Choubey
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Mandir Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में हर घर में पूजा घर जरूर होता है। कुछ लोग हर रोज मंदिर जाकर पूजा करते हैं तो वहीं कुछ लोग अपने घर के ही मंदिर में पूजा पाठ करते हैं। पूजा पाठ करने से भगवान का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है लेकिन अगर पूजा स्थल साफ और स्वच्छ नहीं रहता है तो पूजा पाठ के फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसी के चलते आज हम पूजा स्थल से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जानेंगे कि कब और किस दिन मंदिर की साफ सफाई करना शुभ माना जाता है, तो चलिए जानते हैं।

मंदिर की साफ सफाई क्यों करनी चाहिए

मंदिर की साफ सफाई इसलिए करनी चाहिए क्योंकि बिना साफ सफाई के पूजा के फल की प्राप्ति नहीं होती है। माता लक्ष्मी को गंदगी बिल्कुल पसंद नहीं है अगर मंदिर में साफ सफाई नहीं रहती है तो माता लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती है इस प्रकार घर में पैसों की तंगी बनी रहती है। अगर हमेशा पूजा स्थल को साफ और स्वच्छ रखा जाए तो माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है।

किस दिन करनी चाहिए मंदिर की सफाई

वैसे तो अगर रोजाना मंदिर की साफ सफाई की जाए तो यह और भी अच्छा माना जाता है लेकिन अगर आप किसी कारणवश रोजाना साफ सफाई नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में आप प्रत्येक शनिवार मंदिर की साफ-सफाई कर सकते हैं। शनिवार का दिन मंदिर की साफ-सफाई करने के लिए शुभ दिन माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मंदिर की साफ सफाई करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं।

कब और कब नहीं करनी चाहिए मंदिर की सफाई

मंदिर की सफाई हमेशा दिन में ही करनी चाहिए। रात में साफ सफाई करने से माता लक्ष्मी निराशा होती हैं। रात का समय भगवान का विश्राम का समय होता है इस समय सफाई करना मतलब उन्हें परेशान करना माना जाता है। इसके अलावा रात में साफ सफाई न करने का दूसरा कारण यह हो सकता है कि रात में व्यक्ति का शरीर अपवित्र हो जाता है इसलिए साफ सफाई नहीं करनी चाहिए साफ सफाई हमेशा नहा धोकर ही करनी चाहिए। इसलिए हमेशा दिन के समय में ही साफ सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा पूजा करने के तुरंत बाद भी कभी साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए। साथ ही साथ अगर मंदिर में दीपक जल रहा है, तो इस दौरान कभी भी साफ सफाई नहीं करनी चाहिए।

किस दिन नहीं करनी चाहिए साफ सफाई

जिस प्रकार शनिवार का दिन साफ सफाई करने के लिए उत्तम दिन माना जाता है। ठीक उसी प्रकार गुरुवार ऐसा दिन है जिस दिन साफ सफाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा एकादशी के दिन भी मंदिर की साफ-सफाई करना अशुभ माना जाता है। गुरुवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी दिनों में मंदिर की साफ सफाई कर सकते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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