Navratri 2023: इस समय शारदीय नवरात्रि का महापर्व मंदिरों, घरों, प्रतिष्ठानों और पंडालों में मनाया जा रहा है। आज इस महापर्व का सातवां दिन है और इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजन अर्चन की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि माता की पूजा से भक्तों की काल और अशुभ चीजों से रक्षा होती है। चलिए आज आपको माता की पूजन विधि, प्रिय रंग, पुष्प और भोग के बारे में जानकारी देते हैं।
ऐसा है स्वरूप
कालरात्रि के स्वरूप की बात करें वह पूरी तरह से काला है और उनके श्वास से आग निकलती है। उनके बाल काफी बड़े और बिखरे हुए हैं। मां के चार हाथ और तीन नेत्र हैं और उनके गले में रहने वाली माला बिजली की तरह चमकती है। माता के दो हाथों में तलवार और खड़ग रहता है और बाकी दो हाथ वर मुद्रा और अभय मुद्रा में है।
माता की पूजन विधि
- मां कालरात्रि की पूजन के लिए सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद माता को गंगाजल से स्नान करवाएं।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता को लाल रंग प्रिय है इसलिए उन्हें लाल रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए।
- गंगा जल से स्नान करवाने और वस्त्र अर्पित करने के बाद माता को रोली ,कुमकुम और पुष्प अर्पित करें।
- माता को प्रसन्न करने के लिए उनका अधिक से अधिक ध्यान करें, इससे वो अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
माता को प्रसन्न करने का मंत्र
अगर आप माता कालरात्रि की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो उनके सिद्ध मंत्र के जरिए ये आसानी से किया जा सकता है। “ओम ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ कालरात्रि दैव्ये नमः” माता का सिद्ध मंत्र है, जिसके जप से वो प्रसन्न होती हैं।
माता का प्रिय भोग
नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की विधि विधान से पूजन करने के बाद उन्हें गुड़ का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। कहा जाता है की माता को गुड़ अति प्रिय है और इसका भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)