27 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर जीती वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम, शमार जोसेफ ने छीनी कंगारुओं के मुंह से जीत

वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 टेस्ट सीरीज मैच खेली गई। जहां दूसरे टेस्ट मुकाबले में वेस्टइंडीज ने 8 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस दौरान शामर जोशेफ ने कमाल की गेंदबाजी की।

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AUS vs WI: ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई। जहां दूसरा टेस्ट मैच आज यानी रविवार को ब्रिसबेन के गाबा में खत्म हुआ। जिसमें वेस्टइंडीज ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। बता दें ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 216 रनों का मिला था। जिसका पीछा करने उतरी कंगारूओं की टीम 8 रनों से दूसरा टेस्ट मुकाबला हार गई। वहीं सीरीज 1-1 की बढ़त से टाई हो गई।

27 सालों के बाद पहली बार जीता मैच

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वेस्टइंडीज ने 1997 के बाद कभी जीत दर्ज नहीं की थी। वहीं करीब 27 सालों के बाद आज कंगारूओं को उन्हीं की सरजमीं पर पटखनी दी। साथ ही कंगारूओं को उनके घरेलू मैदान पर पिंक बॉल से हराने वाली वेस्टइंडीज पहली टीम बन चुकी है।

वेस्टइंडीज ने 8 रनों से जीता मैच

वेस्टइंडीज ने टेस्ट मैच की दूसरी पारी में कंगारुओं को 216 रनों का लक्ष्य दिया था। जिसको पीछा करते हुए तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट गंवाकर 60 रन बनाई थी। वहीं चौथे दिन के खेल में 156 रनों की जरूरत को पूरा नहीं कर पाई और वेस्टइंडीज ने 8 रनों से कंगारूओं को हरा दिया। बता दें दूसरी पारी में स्टीव स्मिथ ने 146 गेंदों में 1 छक्के और 9 चौकों की मदद से 91 रन बनाए।

शामर जोशेफ के आगे पस्त हुए कंगारू

दूसरी पारी में जोशेफ शामर ने वेस्टइंडीज की तरफ से कमाल की गेंदबाजी की। इस दौरान उन्होंने 11.5 ओवर में 5.75 की औसत से 68 देकर 7 विकेट चटकाए। बता दें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में उन्होंने कुल 13 विकेट चटकाए। वहीं शामर जोशेफ को प्लेयर ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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