Paris Olympics 2024: अमित पंघाल ने ओलंपिक में जगह की पक्की, चीन के मुक्केबाज को 5-0 से हराया

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले मुक्केबाजों में अमित पंघाल 5वें भारतीय मुक्केबाज बने हैं। इससे पहले 4 मुक्केबाजों ने जगह पक्की की है।

Shashank Baranwal
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Amit Panghal

Paris Olympics 2024: ओलंपिक गेम्स का आगाज 26 जुलाई से होने वाला है, जोकि पेरिस में आयोजित होगा। वहीं, ओलंपिक गेम्स के कई खेलों के लिए क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट खेला जा रहा है। इसी बीच भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने ओलंपिक के लिए क्वालिफआई कर लिया है। आइए जानते हैं विस्तार से…

51 किग्रा भारवर्ग में हासिल किया ओलंपिक कोटा

विश्व चैंपिनयशिप में एकमात्र रजत पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने 51 किग्रा भारवर्ग में पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है। पंघाल ने वर्ल्ड क्वालिफिकेशन मुक्केबाजी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में चीन के चुआंग लियू को हराकर जगह पक्की की है। अमित पंघाल ने चीन के लियू को 5-0 से हराकर ओलंपिक का टिकट हासिल किया है। आपको बता दें मुक्केबाज पंघाल एक समय 1-4 से पीछे चल रहे थे, लेकिन खेल के दूसरे राउंड में शुरू से आक्रामक रणनीति बनाकर लियू को हरा दिया।

इतने मुक्केबाजों की जगह पक्की

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले मुक्केबाजों में अमित पंघाल 5वें भारतीय मुक्केबाज बने हैं। इससे पहले 4 मुक्केबाजों नें जगह पक्की की है, जिसमें अमित पंघाल समेत निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), निशांत देव (71 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) खिलाड़ी शामिल हैं। इसके अलावा अभी दो भारतीय मुक्केबाज ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए रेस में हैं। इनमें सचिन सिवाच (57 किग्रा) और जैस्मीन लेम्बोरिया (57 किग्रा) मुक्केबाज शामिल हैं। वहीं, अमित पंघाल ने निशांत देव के बाद दूसरे पुरूष मुक्केबाज बन गए हैं, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए जगह पक्की कर लिया है।

राष्ट्रमंडल खेल में जीता था स्वर्ण पदक

आपको बता दें मुक्केबाज अमित पंघाल ने साल 2022 के राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा पंघाल टोक्यो ओलंपिक में शामिल रहे थे। वहीं, अमित पंघाल के पास पेरिस ओलंपिक में शामिल होने के लिए केलव यही एक मौका था, जिसमें उन्होंने चीन के मुक्केबाज को हराकर पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर लिया।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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