स्पोर्ट्स, डेस्क रिपोर्ट। बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में श्रीलंका पर भारत की दूसरी टेस्ट जीत के बाद को रविवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पिच को “औसत से नीचे” का दर्जा दिया है। शुरुआती दिन में सोलह विकेट गिरे थे और मेजबान टीम ने तीन दिनों के भीतर 238 रन की जोरदार जीत के साथ सीरीज पर कब्जा कर लिया।
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लेकिन मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की मैच के बाद की रिपोर्ट में पाया गया कि प्रतियोगिता शुरू से ही एकतरफा रही है। श्रीनाथ ने कहा, ‘पिच ने पहले दिन ही काफी टर्न दे दिया। “हालांकि हर सत्र के साथ इसमें सुधार हुआ, मेरे विचार में, यह बल्ले और गेंद के बीच का मुकाबला नहीं था।” आईसीसी के नियमों के तहत, “औसत से नीचे” पिच पदनाम प्राप्त करने वाले स्थानों को एक डिमेरिट अंक के साथ जारी किया जाता है।
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डिमेरिट अंक पांच साल की अवधि के लिए सक्रिय रहते हैं, और यदि कोई स्थल कम अंक अर्जित करता है तो उसे एक वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए पड़ोसी पाकिस्तान के रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम को “औसत से नीचे” पाया गया वहीँ दूसरे नंबर पर बेंगलुरू दूसरा स्थान पर है।
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औसत से नीचे रेटिंग कब मिलती है?
दरअसल हर मैच के बाद मैच रेफरी को पिच और आउटफील्ड के बारे में icc को भेजना होता है। जिसमे दोनों टीमों के कप्तानों और खेल के अंपायर की टिपण्णी शामिल होती है। फिर 14 दिनों के भीतर, आईसीसी के वरिष्ठ क्रिकेट संचालन प्रबंधक अग्रेषित करते हैं। उसके बाद पूरी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद पिच, ऑउटफील्डस को रेटिंग दी जाती है। यदि किसी मैदान का आउटफील्ड अच्छा नहीं है। पिच में अत्यधिक उछाल या दबाव है। खेल के दौरान पिच में कोई बदलाव के न आने पर या फिर पिच के एकतरफा रवैया रहता है तब इसे औसत से नीचे का रेटिंग दिया जाता है।