मैच फिक्सिंग के मामले में फंसा यह खिलाड़ी, ICC ने लगाया साढ़े 17 साल का बैन

ICC ने इंग्लैंड के क्लब खिलाड़ी रिजवान जावेद पर विभिन्न आर्टिकल्स के तहत बैन लगाया है। वहीं ICC द्वारा खिलाड़ी रिजवान जावेद से अपने ऊपर हुए कार्रवाई पर अपील करने के अधिकार को भी छीन लिया गया है।

Shashank Baranwal
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ICC bans Rizwan Javed: इंग्लैंड क्रिकेट टीम इस समय भारत में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है। वहीं इसी बीच इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को बड़ा झटका लगा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने सख्त कार्रवाई करते हुए इंग्लैंड के क्लब खिलाड़ी पर साढ़े 17 साल के लिए बैन लगा दिया है, जिसका नाम रिजवान जावेद है। वहीं ICC ने यह कार्रवाई रिजवान जावेद पर ICC के नियमों के उल्लंघन के कारण की है।

खिलाड़ी पर मैच फिक्सिंग का लगा था आरोप

इंग्लैंड के क्लब खिलाड़ी रिजवान पर ICC द्वारा की जाने वाली कार्रवाई क्रिकेट करियर को खत्म हो जाएगा। बता दें रिजवान पर साल 2021 में आबू धाबी में खेले जा रहे T10 लीग में मैच फिक्सिंग करने के प्रयास करने के आरोप लगे थे। ICC इस मामले में जांच कर रहा था, जिसको लेकर गुरूवार को यह फैसाल साढ़े 17 साल का बैन लगाने का फैसला लिया गया। हालांकि रिजवान जावेद पर ICC 19 सितंबर 2023 को ही प्रतिबंध लगाते हुए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था।

इस नियम के तहत लगा बैन

ICC ने इंग्लैंड के क्लब खिलाड़ी रिजवान जावेद पर विभिन्न आर्टिकल्स के तहत बैन लगाया है। वहीं ICC द्वारा खिलाड़ी रिजवान जावेद से अपने ऊपर हुए कार्रवाई पर अपील करने के अधिकार को भी छीन लिया गया है। आपको बता दें ICC ने आर्टिकल 2.1.1, आर्टिकल 2.1.3, आर्टिकल 2.4.4 और आर्टिकल 2.4.6 के तहत कार्रवाई की है।

वहीं इन आरोपो में बांग्लादेश के ऑलराउंडर खिलाड़ी नासिर हुसैन पर भी मैच फिक्सिंग के प्रयास में शामिल थे, जिसके लिए उन पर दो साल बैन लगाया गया था। जोकि अभी भी बैन को झेल रहा है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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