इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में भारत को 28 रनों से मिली हार, ओली पोप और टॉम हार्टले बने जीत के हीरो

इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को 28 रनों से हार मिली है। दूसरी पारी में 231 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 202 रनों पर ऑलआउट हो गई।

Shashank Baranwal
Published on -
ind vs aus

Ind vs Eng: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है। जिसका पहला मुकाबला हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेला गया। जहां इंग्लैंड ने भारत को पहले टेस्ट मुकाबले में 28 रनों से हरा दिया है। वहीं इस जीत के साथ सीरीज में 1-0 की बढ़ भी बना ली है। बता दें इंग्लैंड ने दूसरी पारी में जीत के लिए 231 रनों का लक्ष्य दिया था। जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 202 रनों पर ऑलआउट हो गई।

ओली पोप ने की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाज ओली पोप ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। उन्होंने 278 गेंदों में 21 चौकों की मदद से 196 रनों की विशाल पारी खेली। जिसके बदौलत इंग्लैंड की टीम ने दूसरी पारी में 420 रन बनाए और 231 रनों की बढ़त बना ली।

दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी रही फेल

231 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय बल्लेबाजों का बल्ला नहीं चल पाया। दूसरी पारी में सबसे ज्यादा रन कप्तान रोहित शर्मा ने बनाए। इस दौरान उन्होंने 58 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 39 रनों की पारी खेली। वहीं पहली पारी में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और रविंद्र जड़ेजा बल्ला शांत रहा।

टॉम हार्टले ने झटके सबसे ज्यादा विकेट

इंग्लैंड ने दूसरी पारी में कमाल की गेंदबाजी की। जिसकी बदौलत टीम ने 28 रनों से जीत दर्ज की। बता दें इस दौरान इंग्लैंड के गेंदबाज टॉम हार्टले ने 26.2 ओवरों में 62 तक रन देकर 7 विकेट चटकाए। जबकि जो रूट और रेहान अहमद को 1-1 विकेट मिला।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News