41 साल बाद भारत पहुंचा ओलंपिक हॉकी के सेमी फाइनल में।

Gaurav Sharma
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आज भारतीय हॉकी के फैंस (Indian Hockey Fans) के लिए टोक्यो ओलंपिक से दिल खुश करने वाली खबर आई है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने ब्रिटेन को क्वार्टर फाइनल (Quarterfinals) में 3–1 से शिकस्त देकर ओलंपिक 2020 के सेमीफाइनल (olympics 2020 Semifinals) में अपना स्थान पक्का कर लिया है।

41 साल बाद भारत पहुंचा ओलंपिक हॉकी के सेमी फाइनल में।

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सबसे हैरान करने की बात यह भी है कि एक समय हॉकी खेल पर राज करने वाली भारतीय टीम ने आज पूरे 41 साल (After 41 years) बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में अपना स्थान बनाया है। इससे पहले 1980 के मास्को ओलंपिक (1980 Moscow Olympics) में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल गेम खेला था।

आपको बता दें यह पहली बार नहीं है जब भारतीय टीम ने ब्रिटेन को शिकस्त दी है, इससे पहले 1948 लंदन ओलंपिक (London Olympics) फाइनल, 1952 के हेलिंस्की (Helinski) सेमीफाइनल में और 1960 के रोम (Rome) के सेमीफाइनल में भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन को हरा चुकी है। और आज 2020 के क्वार्टर फाइनल में इतिहास को दोहराता हुए टीम ने फिर यह कारनामा कर दिखाया है।

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भारतीय टीम की टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में शुरुआत ठीक रही, टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर अपने सफर का आगाज़ किया। ऑस्ट्रेलिया के हाथों हुई बुरी हार के बाद लग रहा था मानो हॉकी टीम का सफर जल्द ही ओलंपिक्स में खत्म हो जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ। भारतीय टीम ने लगातार स्पेन, अर्जेटिना, और जापान को हराकर अपने सफर को कायम रखा और क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई। अब क्वार्टरफाइनल में ब्रिटेन को हराकर टीम ने गोल्ड मेडल के अधूरे सपने को कहीं न कहीं एक बार जिंदा कर दिया है।

जीत के इरादे से उतरी भारतीय टीम ने क्वार्टरफाइनल के मैच में शुरू से ही मजबूत पकड़ बनाए रखी। मैच के शुरू होते ही दिलप्रीत सिंह (Dilpreet Singh) ने बड़ी ही चतुराई से टीम के लिए पहला गोल दागा। इसके बाद मैच के दूसरे क्वार्टर में गुजरंत सिंह (Gujrant Singh) ने शानदार गोल कर टीम को 2–0 से बढ़त दिलाई। भारतीय टीम की 1st हाफ की बढ़त को देख ब्रिटेन टीम मानो मैच को हाथों से निकलता देख पूरी तरह निराश हो चुकी थी। ब्रिटेन की तरफ से तीसरे क्वार्टर में सैमुएल वार्ड (Samual Ward) ने पेनल्टी कॉर्नर लेते हुए गोल दागा। मैच ने चौथे क्वार्टर में हार्दिक सिंह (Hardik Singh) ने गोल दाग कर न केवल टीम को 3–0 की बढ़त दिलाई बल्कि सेमीफाइनल की राह पर मानो रेड कार्पेट (Red Carpet) बिछा दिया।

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ओलंपिक्स से लगातार जाने माने खिलाड़ियों के बाहर होने से निराश फैंस में मानों फिर से गोल्ड मेडल की चाहत जाग उठी है। अपनी खुशी का इजहार करते हुए करोड़ों फैंस ने ट्विटर के माध्यम से कप्तान मनप्रीत सिंह (Captain Manpreet singh) को ढेरों शुभकामनाए दीं और गोल्ड जीतने के लिए हौसला अफजाई भी की। आपको बात दें सेमीफइनल का मुक़ाबला मंगलवार को भारत और बेल्जियम के मध्य खेला जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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