Ind vs Eng: इंग्लैंड के खिलाफ 5वां टेस्ट मैच जीतकर भारतीय टीम दोहराएगी 112 साल का इतिहास, पढ़ें पूरी खबर

कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम 5वां टेस्ट मैच भी जीतने के इरादे से उतरेगी। अगर भारत 5वां टेस्ट मैच जीतने में कामयाब हो जाता है तो 112 सालों बाद इस मामले में रोहित की टीम इतिहास रच देगी।

Shashank Baranwal
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Ind vs Eng 5th Test: इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच धर्मशाला में 7 मार्च से खेला जाएगा। 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-1 की बढ़त बनाकर भारत सीरीज पर कब्जा कर लिया है। वहीं कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम 5वां टेस्ट मैच भी जीतने के इरादे से उतरेगी। अगर भारत 5वां टेस्ट मैच जीतने में कामयाब हो जाता है तो 112 सालों बाद इस मामले में रोहित की टीम इतिहास रच देगी। आइए जानते हैं विस्तार से…

112 सालों बाद भारतीय टीम रचेगी इतिहास

गौरतलब है कि भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच हैदराबाद में खेला गया था। जहां भारत को 28 रनों से शिकस्त मिली थी। उसके भारत बढ़िया प्रदर्शन कर लगातार तीनों टेस्ट मैच में जीत हासिल कर ली है। वहीं अगर भारत पांचवा टेस्ट मैच जीत लेती है तो पहला मैच हारने के बावजूद भी 5 टेस्ट मैचो की सीरीज पर 4-1 की बढ़त बनाकर 112 सालों के इतिहास को दोहराने में कामयाब हो जाएगी। गौरतलब है कि साल 1912 में इंग्लैंड की टीम ने इस तरह की उपलब्धि हासिल की थी। हालांकि अभी तक यह कारनामा महज तीन बार हुआ है, जिसमें पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने साल 1897-98 में, दूसरी बार 1901-02 में हुआ था।

जसप्रीत बुमराह की टीम में हुई वापसी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की तरफ से गुरूवार को इंग्लैंड के खिलाफ पांचवे टेस्ट मैच के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। इसमें भारत के अनुभवी और दिग्गज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की एक बार फिर टीम में वापसी हुई है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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