क्रिकेट एक बार फिर फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोपों के चलते सवालों के घेरे में आ गया है। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और आफ स्पिनर सचित्र सेनानायके को लंका प्रीमियर लीग 2020 में मैच फिक्सिंग के लिए साथी खिलाड़ियों को उकसाने का दोषी करार दिया गया है। हम्बनटोटा हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। खास बात ये है कि ये मामला श्रीलंका के नए भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत पहला ऐसा केस है जिसमें किसी खिलाड़ी को दोषी ठहराया गया है।
दरअसल 2020 में गिरफ्तारी के बाद बेल पर बाहर आए सेनानायके ने सभी आरोपों से इनकार किया था। लेकिन अब कोर्ट में उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश किए गए, जिसके आधार पर उन्हें दोषी पाया गया। श्रीलंका के अटॉर्नी जनरल विभाग ने जानकारी दी कि अब उन्हें करीब 2.85 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा और साथ ही 10 साल की जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

कैसा रहा सचित्र सेनानायके का अंतरराष्ट्रीय करियर
खास बात ये है कि श्रीलंका लंबे समय से क्रिकेट में फिक्सिंग और भ्रष्टाचार से जूझता रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) भी श्रीलंका को क्रिकेट के सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों में गिन चुका है। सेनानायके का दोषी पाया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि श्रीलंका अब इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई के मूड में है। सचित्र सेनानायके का क्रिकेट करियर 2012 में शुरू हुआ था। उन्होंने श्रीलंका के लिए 1 टेस्ट, 49 वनडे और 24 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 78 विकेट झटके। वनडे में उनके नाम 53 और टी20 में 25 विकेट दर्ज हैं। 2013 में वे कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) का हिस्सा बने और 8 मैचों में 9 विकेट लेकर अच्छा प्रदर्शन किया था।
क्या अब बदलेगा सिस्टम?
दरअसल सचित्र सेनानायके के करियर में स्थिरता नहीं रही और धीरे-धीरे वह टीम से बाहर हो गए। लेकिन 2020 में उनके खिलाफ लंका प्रीमियर लीग के दौरान कोलंबो किंग्स के खिलाड़ी थारिंडु रत्नायके को फिक्सिंग के लिए उकसाने का आरोप लगा। यह मामला श्रीलंका क्रिकेट और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गया। सचित्र सेनानायके का यह केस सिर्फ एक खिलाड़ी की गलती नहीं बल्कि पूरे क्रिकेट सिस्टम की खामी को उजागर करता है। श्रीलंका ने हाल ही में नया भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू किया है, जिसका यह पहला बड़ा उदाहरण है।