Ranji Trophy 2024: मुशीर खान ने हासिल की उपलब्धि, क्रिकेट के भगवान की मौजूदगी में तोड़ा उन्हीं का 29 साल पुराना रिकॉर्ड

मुशीर खान ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में विदर्भ के खिलाफ 326 गेंदों में 10 चौके की मदद से 136 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। इस पारी के बदौलत मुशीर ने सचिन तेंदुलकर का 29 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब हुए हैं।

Shashank Baranwal
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Musheer Khan

Ranji Trophy 2024: घरेलू सीरीज रणजी ट्रॉफी 2024 का फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई और विदर्भ के बीच खेला जा रहा है। जिसमें मुंबई की तरफ से खेल रहे सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर खान ने कमाल की बल्लेबाजी की। इस दौरान उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक जड़ा। इस पारी के बदौलत मुशीर ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का घरेलू सीरीज में बना रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाबी हासिल की है।

मुशीर ने तोड़ा 29 साल पुराना रिकॉर्ड

मुशीर खान ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में विदर्भ के खिलाफ 326 गेंदों में 10 चौके की मदद से 136 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। इस पारी के बदौलत मुशीर ने सचिन तेंदुलकर का 29 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब हुए हैं। बता दें मुशीर खान ने यह शतक 19 साल 14 दिन की उम्र में लगाया है। वहीं इससे पहले साल 194-95 में पंजाब के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में सचिन तेंदुलकर नें शतक जड़ा था। इस दौरान सचिन तेंदुलकर की उम्र 21 साल 10 महीने थी। वहीं खास बात यह है कि इस दौरान वानखेड़े स्टेडियम में खुद सचिन तेंदुलकर मौजूद रहे।

ये रहा मैच का हाल

रणजी ट्राफी में मुंबई ने दूसरी पारी में 418 रन बनाकर 538 रनों की बढ़त हासिल की है। वहीं तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक विदर्भ की टीम 2 ओवरों में 10 रन बनाई हुई है। हालांकि टीम ने अभी ने 528 रनों की बढ़त बनाए हुए है। आपको बता दें मुशीर खान के अलावा श्रेयस अय्यर और कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी कमाल की पारी खेली। जहां श्रेयस 111 गेंदों में 10 चौके 3 छक्के की मदद से 95 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। वहीं रहाणे ने 143 गेंदों में 1 छक्के और 5 चौके की मदद से 73 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। साथ ही शम्स मुलानी ने भी 85 गेंदों 6 चौके की मदद से 50 रनों की नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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