National Sports Day 2023 : जानिए हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद से जुड़ी खास बातें, पीएम-सीएम ने जयंती पर कुछ इस तरह किया याद

National Sports Day 2023 : राष्ट्रीय खेल दिवस यानि भारत के एक ऐसे खिलाड़ी का जन्मदिन जो खिलाड़ियों के बीच ताउम्र जीवित रहेंगे, दुनिया भारत के इस महान खिलाड़ी को मेजर ध्यानचंद के नाम से जानती है, क्रिकेट में सर डॉन ब्रेडमेन, फुटबॉल में पेले और हॉकी में मेजर ध्यानचंद का नाम दुनिया के खेल मानचित्र पर इस तरह अंकित हैं जो किसी नक्षत्र से कम नहीं हैं, मेजर ध्यानचंद की जन्मदिन 29 अगस्त को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है…आइये जानते हैं  हॉकी के इस जादूगर से जुड़ी कुछ खास बातें …

बचपन में खेल में नहीं थी रुचि, बन गए हॉकी के जादूगर 

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त सन्‌ 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक राजपूत परिवार में हुआ था। बचपन में उन्हें खेल में कोई विशेष रुचि नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने हाथ में हॉकी स्टिक पकड़ी तो फिर अपने मेहनत, प्रेक्टिस, लगन, संघर्ष और संकल्प के सहारे वो प्रतिष्ठा अर्जित की जो आज नजीर बन चुकी है।

16 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए, हॉकी के जरिये की देश की सेवा 

मेजर ध्यानचंद ने सामान्य शिक्षा पूरी करने के बाद मात्र 16 साल की उम्र में नौकरी शुरू कर दी, वे 1922 में दिल्ली में प्रथम ब्राह्मण रेजीमेंट में सेना में एक साधारण सिपाही की हैसियत से भर्ती हो गए। इस समय भी  उनके मन में हॉकी के प्रति कोई विशेषरुचि नहीं थी। कहा जाता है कि ध्यानचंद को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करने का श्रेय रेजीमेंट के एक सूबेदार मेजर तिवारी को है। मेजर तिवारी स्वंय भी हॉकी प्रेमी और खिलाड़ी थे। मेजर तिवारी ने ध्यानचंद को हॉकी की बारीकियां सिखाई और फिर ध्यानचंद  देखते ही देखते दुनिया के एक महान खिलाड़ी बन गए।

हॉकी की प्रतिभा के चलते सिपाही से मेजर तक पहुंचे ध्यानचंद 

ध्यानचंद को नौकरी के पांच साल बाद पहला प्रमोशन 1927 में लांस नायक  के रूप में मिला। 1932 में जब उनका सिलेक्शन लॉस ऐंजल्स ओलंपिक जाने  वाली भारतीय टीम के लिए हुआ तो उन्हें नायक नियुक्त किया गया। 1938 में उन्हें ‘वायसराय का कमीशन’ मिला और वे सूबेदार बन गए। उसके बाद एक के बाद एक दूसरे सूबेदार, लेफ्टीनेंट और कैप्टन बनते चले गए। बाद में उन्हें मेजर बना दिया गया। यानि जो बच्चा बचपन में खेल में रुचि ही नहीं रखता था उसकी केवल हॉकी के खेल के कारण ही सेना में उनकी पदोन्नति होती गई।

मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियां और किस्से 

  • मेजर ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक गेम्स में जीत के साथ भारत को ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाने की पहली हैट्रिक पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक भारत ने पहली बार हिस्सा लिया और यहाँ हॉकी का स्वर्ण पदक जीता इसमें ध्यानचंद ने सबसे ज्यादा 14 गोल दागे थे।
  • 1932 में लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भारत ने बहुत मैच खेले, भारतीय टीम ने इस दौरान कुल 262 गोल किये जिसमें से सेंटर फॉरवर्ड की पोजीशन पर खेलने वाले ध्यानचंद ने अकेले 101 गोल किये, इस ओलंपिक में भारत ने अमेरिका को 24-1 से हराया था, तब एक अमेरिकी अख़बार ने लिखा था कि भारतीय हॉकी टीम तो पूर्व से आया तूफान थी। उसने अपने वेग से अमेरिकी टीम के ग्यारह खिलाड़ियों को कुचल दिया।
  • मेजर ध्यानचंद को उनके हॉकी में दिए योगदान के लिए भारत सरकार ने 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया था।
  • ध्यानचंद अपना पसंदीदा हॉकी मैच कलकत्ता कस्टम्स और झांसी हीरोज के बीच 1933 के बीटन कप फाइनल को बताते थे। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ध्यानचंद को तत्कालीन जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर द्वारा जर्मन नागरिकता की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।
  • 1935 में जब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे पर गई थी। तब भारतीय टीम एक मैच के लिए एडिलेड में था और ब्रैडमैन भी वहाँ मैच खेलने के लिए आए थे। ब्रैडमैन और ध्यानचंद दोनों तब एक-दूसरे से पहली बार मिले थे। ब्रैडमैन ने तब हॉकी के जादूगर का खेल देखने के बाद कहा था कि वे इस तरह से गोल करते हैं, जैसे क्रिकेट में रन बनते हैं। ब्रैडमैन को जब पता चला कि ध्यानचंद ने इस दौरे में 48 मैच में कुल 201 गोल दागे तो उन्होंने कहा था कि यह किसी हॉकी खिलाड़ी ने बनाए या बल्लेबाज ने।

पीएम मोदी ने पुष्पांजलि अर्पित की 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मेजर ध्यानचंद को याद किया और सभी खेल प्रमियों को राष्ट्रीय खेल दिवस की बधाई दी,  उन्होंने लिखा-राष्ट्रीय खेल दिवस पर सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएं। भारत को राष्ट्र के प्रति उनके योगदान पर गर्व है। मैं मेजर ध्यानचंद जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नेशनल स्टेडियम पर श्रद्धासुमन अर्पित किये 

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नेशनल स्टेडियम दिल्ली में ध्यानचंद की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की, उन्होंने ट्वीट में लिखा – 𝐋𝐞𝐠𝐞𝐧𝐝. 𝐋𝐞𝐠𝐚𝐜𝐲. 𝐋𝐞𝐬𝐬𝐨𝐧𝐬, राष्ट्रीय खेल दिवस पर नेशनल स्टेडियम, दिल्ली में भारतीय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ  इस विशेष अवसर पर, हम #IndianSports पर प्रमुख पहल शुरू कर रहे हैं। जानने के लिए आज ही मुझसे जुड़ें।

MP सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे किया याद 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर ध्यानचंद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किये। सीएम शिवराज ने ट्वीट किया “अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा से पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर नमन करता हूं। आपने देश में हॉकी को जिन ऊंचाइयों पर पहुँचाया और देश को गौरवान्वित किया, उसके लिए राष्ट्र आपका कृतज्ञ है।”

 

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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