Ind vs Eng: रविचंद्रन अश्विन ने रचा इतिहास, अनिल कुंबले को पीछे छोड़ घर पर बनाया ये खास रिकॉर्ड

तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 8 ओवर में 40 रन बनाए हैं। इस दौरान कप्तान रोहित शर्मा 27 गेंदों में 4 चौके की मदद से 24 रन बनाए हैं। वहीं यशस्वी जायसवाल ने 21 गेंदों में 1 चौके की मदद से 16 रन बनाए हैं।

Shashank Baranwal
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Ashwin

Ravichandran Ashwin Test Wickets: भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच रांची के जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। जहां तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत 40 रन बनाकर खेल रहा है। जबकि जीत के लिए 152 रनों की दरकार है। वहीं भारत के अनुभवी और दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कमाल की गेंदबाजी की। जिसके बदौलत अश्विन ने एक इतिहास रच दिया है। आइए जानते हैं विस्तार से…

अश्विन ने की घातक गेंदबाजी

भारतीय गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में 145 रनों पर ही ऑलआउट हो गई। वहीं रविचंद्रन अश्विन ने घातक गेंदबाजी की। इस दौरान अश्विन ने 15.5 ओवर में 51 रन देकर 5 विकेट झटके। जिसके बदौलत अश्विन ने एक नई कामयाबी हासिल की है। अश्विन ने पूर्व भारतीय गेंदबाज अनिल कुंबले को पीछे छोड़ दिया है। अश्विन ने घरेलू मैदान पर 5 विकेट चटकाकर 350 विकेटों का आंकड़ा पार कर लिया है। अश्विन ने घरेलू मैदान पर कुल 353 विकेट चटकाए हैं। वहीं अनिल कुंबले ने कुल 350 विकेट हासिल की है।

भारत में सर्वाधिक टेस्ट विकेट हासिल करने वाले भारतीय गेंदबाज

  • 353 विकेट- रविचंद्रन अश्विन
  • 350 विकेट- अनिल कुंबले
  • 265 विकेट- हरभजन सिंह
  • 219 विकेट- कपिल देव
  • 210 विकेट- रविंद्र जड़ेजा

ये रहा मैच का हाल

तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 8 ओवर में 40 रन बनाए हैं। इस दौरान कप्तान रोहित शर्मा 27 गेंदों में 4 चौके की मदद से 24 रन बनाए हैं। वहीं यशस्वी जायसवाल ने 21 गेंदों में 1 चौके की मदद से 16 रन बनाए हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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