इस समय क्रिकेट की दुनिया में रिटायर्ड हर्ट को लेकर जंग छिड़ी हुई है। दरअसल, हाल ही में दो मामले देखने को मिले हैं, जिनमें रिटायर्ड आउट और रिटायर्ड हर्ट की घटनाएं घटीं। आईपीएल में लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ खेले गए मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने तिलक वर्मा को रिटायर्ड आउट करार दिया, जबकि पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मुकाबले में इमाम-उल-हक रिटायर्ड हर्ट हुए। अब क्रिकेट फैंस इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं कि रिटायर्ड हर्ट और रिटायर्ड आउट में अंतर क्या है। अगर आप भी इसी तरह कन्फ्यूज हैं, तो चलिए इस खबर में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
दरअसल, आईपीएल में लखनऊ सुपरजायंट्स और मुंबई इंडियंस के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। अंतिम ओवरों में मुंबई इंडियंस को ज्यादा रनों की जरूरत थी, लेकिन तिलक वर्मा धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे। ऐसे में टीम मैनेजमेंट ने बड़ा फैसला लिया और उन्हें रिटायर्ड आउट करार दे दिया।

रिटायर्ड आउट क्या होता है? यहां जानिए
तिलक वर्मा 23 गेंदों में 25 रन बनाकर खेल रहे थे। इस पारी में उन्होंने दो चौके लगाए, लेकिन उनकी बल्लेबाजी में तेजी नजर नहीं आ रही थी। मुंबई इंडियंस ने फैसला किया कि तिलक वर्मा को रिटायर्ड आउट करवाया जाए, जिससे नए बल्लेबाज को खेलने का मौका मिले और वह तेजी से रन बना सके। हालांकि, इसके बावजूद मुंबई की टीम मैच नहीं जीत सकी। तिलक वर्मा की जगह मुंबई ने मिशेल सैंटनर को भेजने का निर्णय किया। अब सवाल उठता है कि रिटायर्ड आउट का मतलब क्या होता है? दरअसल, अगर कोई बल्लेबाज अंपायर के बिना आउट दिए ड्रेसिंग रूम में चला जाता है या कप्तान की मर्जी से उसे बुला लिया जाता है, तो बल्लेबाज को रिटायर्ड आउट करार दिया जाता है। यानी अब बल्लेबाज दोबारा बल्लेबाजी के लिए नहीं आ सकेगा, जब तक विपक्षी कप्तान की अनुमति न हो।
रिटायर्ड हर्ट क्या होता है जानिए
वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे मुकाबले में इमाम-उल-हक बुरी तरह चोटिल हो गए, जिसके चलते उन्हें रिटायर्ड हर्ट करार दिया गया। दरअसल, बल्लेबाजी के दौरान जब इमाम-उल-हक रन ले रहे थे, इस दौरान रन आउट के लिए न्यूजीलैंड के फील्डर ने थ्रो किया और गेंद सीधा जाकर इमाम-उल-हक के जबड़े में लग गई। जिसके चलते टीम ने उन्हें रिटायर्ड हर्ट कर दिया।
बता दें कि रिटायर्ड हर्ट तब करार दिया जाता है जब कोई बल्लेबाज चोटिल हो या वह खेलने में असमर्थ हो। ऐसी स्थिति में बल्लेबाज ठीक होने पर फिर से बल्लेबाजी करने आ सकता है, जबकि गंभीर स्थिति में बल्लेबाज की जगह सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज की गुजारिश भी अंपायर से
की जा सकती है।